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तेजाब हत्याकांड में शहाबुद्दीन दोषी करार, 11 को सुनाई जाएगी सजा

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सिवान। बिहार के सिवान जिले के चर्चित तेजाब हत्याकांड में अदालत ने बुधवार को पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को दोषी करार दिया। इस हत्याकांड में दो लोगों की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी। सिवान के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की विशेष अदालत ने शहाबुद्दीन को भारतीय दंड विधान की धारा 302, 201, 364 और 120बी का दोषी पाया है। इस मामले में अदालत 11 दिसंबर को सजा सुनाएगी।

विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह ने बताया कि अदालत ने इस मामले में पूर्व सांसद समेत चार लोगों को दोषी पाया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हत्या के समय शहाबुद्दीन जेल में थे।

16 अगस्त 2004 को सिवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद के पुत्रों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी। राजीव उनके चंगुल से भाग गया था। इस मामले में गिरीश की मां कलावती देवी के बयान पर सिवान के मुफस्सिल थाने में नागेंद्र तिवारी और मदन शर्मा के साथ चार-पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

हत्याकांड के गवाह और मृतकों के भाई राजीव ने अदालत को बताया था कि वारदात के समय पूर्व सांसद शहाबुद्दीन खुद वहां उपस्थित थे। पिछले वर्ष राजीव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। शहाबुद्दीन इस समय सिवान जेल में बंद हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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