नेशनल
तेलुगू राज्यों में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान
हैदराबाद/अमरावती, 17 जुलाई (आईएएनएस)| देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश विधानसभाओं में सोमवार को मतदान हो रहे हैं। तेलंगाना के विधायक हैदराबाद में राज्य विधानसभा में, जबकि आंध्र प्रदेश के विधायक अमरावती में विधानसभा में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, राज्य विधानसभा अध्यक्ष मधुसूदन चारी और विपक्ष के नेता के. जना रेड्डी हैदराबाद में अपने मताधिकार का सबसे पहले प्रयोग करने वालों में शामिल रहे।
सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा की है। 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में टीआरएस के 90 सदस्य हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पांच और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के तीन विधायकों का समर्थन भी कोविंद को प्राप्त है।
तेलंगाना में हर विधायक के मत का मूल्य 132 है।
टीआरएस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसके सभी विधायक अपना मत सही प्रकार से डाल सकें, रविवार को और फिर सोमवार सुबह दोबारा मतदान का पूर्वाभ्यास किया।
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, जिसके 13 सदस्य हैं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एकमात्र विधायक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन करेंगे।
हालांकि आंध्र प्रदेश में राजग के उम्मीदवार को सभी विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है, क्योंकि सत्तारूढ़ तेदेपा-भाजपा गठबंधन और एकमात्र विपक्षी दल वायएसआर कांग्रेस पार्टी (वायएसआरसीपी) ने कोविंद को समर्थन देने की घोषणा की है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन.ए. चंद्रबाबू नायडू और विधानसभा अध्यक्ष कोडेला शिवप्रसाद राव सबसे पहले वोट डालने वालों में शामिल रहे।
अमरावती में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है।
आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा में तेदेपा के 124 सदस्य हैं, भाजपा के चार और एकमात्र विपक्षी दल वायएसआर कांग्रेस पार्टी (वायएसआरसीपी) के 46 विधायक हैं।
आंध्र प्रदेश में हर विधायक के वोट का मूल्य 159 है।
दोनों तेलुगू राज्यों के सांसद भी संसद में वोट डाल रहे हैं।
नेशनल
महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?
अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”
अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।
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