नेशनल
त्रिपुरा : आंध्र हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश होंगे आयोग के अध्यक्ष
अगरतला। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कल्याण ज्योति सेनगुप्ता त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग के पहले अध्यक्ष होंगे। यहां विधि विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, “मुख्यमंत्री माणिक सरकार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को चुना है।”
अधिकारी ने कहा कि समिति की बैठक 19 अक्टूबर को हुई थी और दौरान इसके 26 सदस्यों ने न्यायमूर्ति सेनगुप्ता को आयोग का अध्यक्ष और राज्य के पूर्व प्रधान सचिव आर.पी. मीणा एवं पूर्व विधि सचिव समीरन दास को आयोग का सदस्य नियुक्त किया। त्रिपुरा के विधानसभा अध्यक्ष रामेंद्र चंद्र देबनाथ और विपक्ष के नेता सुदीप रॉय बर्मन चयन समिति के सदस्य हैं।
न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने 18 मई को सिक्किम के लोकायुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया था। वह नई जिम्मेदारी उठाने के लिए यह पद छोड़ेंगे। न्यायमूर्ति सेनगुप्ता मई 2013 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए थे। इससे पूर्व वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय के भी न्यायाधीश रह चुके हैं।
आध्यात्म
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां को प्रिय है ये भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।
यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।
माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं
जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।
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