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त्रिपुरा चुनाव : वाम मोर्चे की सूची में नए व पुराने चेहरे शामिल
अगरतला, 23 जनवरी (आईएएनएस)| सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने मंगलवार को 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसमें नए व पुराने चेहरे शामिल हैं व सात महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है। राज्य में 18 फरवरी को चुनाव होने हैं।
वाम नेताओं के अनुसार, उम्मीदवारों के चयन में वाम मोर्चा के अन्य घटक दलों पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का प्रभुत्व रहा।
माकपा के राज्य सचिव बिजन धर ने सूची जारी करने के बाद मीडिया से कहा, वाम मोर्चा के 12 नए उम्मीदवार व सात महिलाएं 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ेंगी।
उन्होंने कहा कि 2013 के विधानसभा चुनावों में वाम मोर्चा के सहयोगियों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने दो, फारवर्ड ब्लॉक ने एक व रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन अगले महीने होने वाले चुनावों में प्रत्येक पार्टी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य धार को मंगलवार को वाम मोर्चे का संयोजक चुना गया। खगेन दास की रविवार को कोलकाता में दिल का दौरा पड़ने से निधन के बाद उन्हें यह पद दिया गया है।
धार ने कहा कि बीते विधानसभा चुनावों में माकपा की पांच महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया गया और सभी ने चुनाव जीते थे। इस बार पार्टी की तरफ से सात महिलाओं को टिकट दिया गया है। पांच मौजूदा माकपा विधायकों को स्वास्थ्य और संगठन संबंधी कारणों से टिकट नहीं दिया गया है।
वाम मोर्चा के 60 उम्मीदवारों में बरजला निर्वाचन क्षेत्र के झुमु सरकार (35) सबसे युवा हैं और चावमनु के निरजय त्रिपुरा (79) सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं।
मौजूदा स्वास्थ्य व पीडब्ल्यूडी मंत्री बादल चौधरी रिकॉर्ड दसवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं और वह सात बार जीत चुके हैं। शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती भी 9वीं बार चुनाव लड़ेंगे।
प्रतिष्ठित बनमालीपुर सीट से माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव अमल चक्रवर्ती उम्मीदवार होंगे। माकपा की राज्यसभा सदस्य व पार्टी की महिला नेता झरना दास को बदिया बधरघाट सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
मुख्यमंत्री माणिक सरकार धनपुर (पश्चिमी त्रिपुरा) से चुनाव लड़ेंगे, जबकि सभी 11 मंत्रियों को फिर से चुनाव के लिए नामित किया गया है।
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रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस
नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।
ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
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