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मुख्य समाचार

त्रिपुरा में भीड़ के हमले में 2 मरे, 6 घायल

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अगरतला, 28 जून (आईएएनएस)| त्रिपुरा में गुरुवार को भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में कुछ लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, पहले मामले में कुछ लोगों के एक समूह द्वारा किए गए हमले में उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक पुलिसकर्मी सहित चार अन्य घायल हो गए। भीड़ ने इनपर बच्चा उठाने वाला समझकर हमला किया था।

अधिकारी ने कहा कि यह घटना पश्चिमी त्रिपुरा के आदिवासी बहुल मुराबारी गांव में घटी, जहां तीन फेरी वाले कपड़े बेचने गए थे।

अधिकारियों ने कहा कि भीड़ उनके पीछे दौड़ने लगी। कपड़ा विक्रेता जब अपनी गाड़ी के चालक के साथ एक सुरक्षा शिविर में छिप गए तो भीड़ ने उन्हें बाहर खींच लिया तथा सुरक्षाकर्मी द्वारा उन्हें बचाने का प्रयास करने के बावजूद भीड़ ने उनपर हमला कर दिया।

उन्होंने कहा कि हमले में जहां तीन विक्रेता, उनका चालक और एक सुरक्षा कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अगरतला में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहीं उत्तर प्रदेश निवासी जहीर कुरेशी (30) की मौत हो गई।

त्रिपुरा स्टेट रायफल्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अतिरिक्त बल को अगरतला से 35 किलोमीटर उत्तर घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भेजा गया।

सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोलों और लाठियों का इस्तेमाल किया। मंगलवार को 11 वर्षीय एक बच्चे की दो संदिग्ध नाबालिगों द्वारा हत्या करने के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया था।

पुलिस ने कहा कि दूसरी घटना में राज्य की राजधानी से दक्षिण 130 किलोमीटर दूर दक्षिणी त्रिपुरा में मनु बाजार में कुछ लोगों के एक समूह ने एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला और दो सरकारी कर्मचारियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।

पुलिस अधिकारी ने कहा, सुकांता चक्रबर्ती (36) दो सरकारी कर्मचारियों के साथ थे, और वे प्रशासन की तरफ से जनता से अपील कर रहे थे कि अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। इसी दौरान उनपर हमला किया गया, जिसमें चक्रबर्ती की मौत हो गई।

मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देब और पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार शुक्ला द्वारा अपील करने के बावजूद कल से भीड़ द्वारा हिंसा और निर्दोष लोगों पर हमला करने की घटनाएं रुकी नहीं हैं।

पुलिस ने कहा कि बुधवार रात जोगेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर कुछ युवकों ने अधेड़ आयु की एक महिला पर हमला कर दिया।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, महिला जब अपने दो बच्चों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंची, कुछ लोगों के एक समूह ने उसे बच्चों की तस्करी करने वाला समझकर उस पर हमला कर दिया, बाद में पुलिस ने उसे बचाया। जहां महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनके बच्चों को एक सरकारी निगरानी घर में रखा गया है।

भीड़ द्वारा लोगों को पीटने, प्रताड़ित करने और उनपर हमला करने के ऐसे ही मामले राजधानी अगरतला के अलावा अमरपुर (दक्षिण त्रिपुरा), बिशालगढ़, अरुं धती नगर, बोधजंगनगर और खोवाई (पश्चिमी त्रिपुरा) से भी आए हैं।

इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने गुरुवार को सभी मोबाइल इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों को गुरुवार अपराह्न से 48 घंटों तक सेवा रोकने का निर्देश दिया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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