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त्रिपुरा : 12 घंटे की हड़ताल से जनजीवन प्रभावित

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अगरतला| त्रिपुरा में कांग्रेस द्वारा उनके पार्टी कार्यकर्ताओं पर कथित पुलिस अत्याचार के विरोध में बंद के आह्वान से जनजीवन प्रभावित हुआ है। इस दौरान ज्यादातर दुकानें, बाजार और बैंक बंद रहे जबकि रेल और वाहनों का आवागमन भी हड़ताल के कारण ठप रहा। त्रिपुरा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशीष साह ने कहा कि राजधानी से 225 किलोमीटर दूर दमचारा में धरना देने वालों पर सत्ताधारी मार्क्‍सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। इसमें कांग्रेस कार्यकर्ता कामेश्वर सिन्हा (59) की मौत हो गई, जबकि सात अन्य पार्टी सदस्य घायल हो गए।

पुलिस का हालांकि कहना है सिन्हा हड़ताल के समर्थन में धरने पर बैठा थे, इसी दौरान उसकी हृदयगति रुकने से मौत हो गई। राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने 17 नवंबर को एक सविनय अवज्ञा आंदोलन का आयोजन किया था, इसी दौरान पुलिस ने आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया था, जिसके विरोध में कांग्रेस ने 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था। आंदोलनकारियों की मांग थी कि त्रिपुरा में विभिन्न विभागों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई से जांच कराई जाए।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “पूरे त्रिपुरा से तकरीबन 200 से ज्यादा लोगों को दफ्तर जाने से रोकने, वाहनों के आवागमन में वाधा पहुंचाने और सामान्य कार्यो में अड़चन डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।” उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य में ज्यादातर बाजार, दुकानें, उद्योग, शैक्षणिक संस्थाएं, बैंक और वित्तीय संस्थान बंद रहे। त्रिपुरा में सड़कें सुनसान थीं, साथ ही रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है।

सरकारी और अर्ध सरकारी संस्थानों में लोगों की उपस्थिति भी अपेक्षाकृत कम रही। अगरतला हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि अगरतला से कोलकाता और अगरतला से गुहावटी की विमान सेवा सामन्य रही। पुलिस महानिरीक्षक (पुलिस नियंत्रण) नेपाल दास ने बताया, “12 घंटे की हड़ताल ज्यादातर शांतिपूर्वक रही। कुछ छिटपुट छटनाओं को छोड़कर अभी तक किसी भी बड़ी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है।” पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कांग्रेस और माकपा के तकरीबन 15 कार्यकर्ता अलग-अलग स्थानों पर घायल हुए हैं। त्रिपुरा से बांग्लादेश और अन्य उत्तरपूर्वी राज्यों के लिए बस सेवा भी प्रभावित हुई है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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