Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

त्रिवेंद्र रावत बने उत्तराखंड के सीएम, नौ मंत्रियों ने ली शपथ

Published

on

Loading

देहरादून। राष्ट्रीय स्यंवसेवक संघ (आरएसएस) के लंबे समय से कार्यकर्ता रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री बने हैं।

राज्यपाल कृष्णकांत पॉल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में रावत को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, जे. पी. नड्डा और उमा भारती के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता हरीश रावत भी मौजूद थे।

रावत के साथ नौ मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें सात कैबिनेट स्तर के और दो राज्यमंत्री हैं। कैबिनेट मंत्रियों में सतपाल महाराज, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, प्रकाश पंत, सुबोध उनियाल और प्रवीण पांडे शामिल हैं।

जबकि राज्य मंत्रियों में धन सिंह रावत और रेखा आर्य शामिल हैं। संयोग से मंत्रिमंडल में शामिल किए गए अधिकांश मंत्री कांग्रेस छोडक़र आए हुए हैं। हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य इसी वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं सतपाल महाराज ने 2014 में ही भाजपा का दामन थाम लिया था।

त्रिवेंद्र रावत के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह सहित कई वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। त्रिवेंद्र सिंह रावत 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने उत्तराखंड राज्य के नौवें मुख्यमंत्री बने हैं। मोदी के पूर्व सहयोगी रहे रावत उत्तराखंड में इससे पहले सत्ता में रही भाजपा सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद मोदी और शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि रावत सरकार उत्तराखंड में विकास लाएगी। मोदी ने कहा, “उत्तराखंड सरकार राज्य के लोगों द्वारा व्यक्त किए गए लगाव के बदले रिकॉर्ड विकास करेगी।”

वहीं शाह ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य की यह भाजपा सरकार मोदी सरकार की जन-कल्याण की योजनाओं को राज्य के हर नागरिक के दरवाजे तक पहुंचाएगी और राज्य में प्रगति एवं विकास के नए मानक स्थापित करेगी।”

इतिहास से परास्नातक एवं पत्रकारिता में डिप्लोमा रावत 19 वर्ष की आयु में छात्र-जीवन से ही आरएसएस में शामिल हुए थे। आरएसएस में वह धीरे-धीरे ऊंचे पदों पर आसीन हुए। आरएसएस प्रचारक के रूप में सेवाएं देते-देते रावत 1990 में देहरादून इकाई के अध्यक्ष बन गए।

वह 1997 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में भाजपा के महासचिव नियुक्त किए गए तथा गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में पार्टी काडर बनाने में अहम योगदान दिया। सरकार में रहते हुए रावत विवाद में भी घसीटे गए। कृषि मंत्री रहते हुए रावत का नाम करोड़ों रुपये के ‘बीज घोटाले’ में सामने आया।

रावत ने दोइवाला सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट को 24,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया है और पार्टी के अंदर उन्हें सांगठनिक कुशलता के लिए जाना जाता है। भाजपा ने नित्यानंद स्वामी के नेतृत्व में 2000 में राज्य में पहली बार सरकार बनाई थी, और इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 57 सीटें हासिल की हैं। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं।

उत्तराखंड

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद

Published

on

Loading

देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।

 

Continue Reading

Trending