बिजनेस
थोक महंगाई दर 0.11 फीसदी
नई दिल्ली| थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित देश की महंगाई दर दिसंबर 2014 में घटकर 0.11 फीसदी हो गई, जो 2013 की समान अवधि में 6.40 फीसदी थी। डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर नवंबर में शून्य रही जो कि अक्टूबर में 1.77 फीसदी थी।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार, खाद्य एवं ईंधन के मूल्यों में गिरावट के कारण डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर कम हुई है।
दिसंबर 2013 में खाद्य मूल्यों की कीमतों में जहां 13.73 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, वहीं दिसंबर 2014 में इसमें 5.20 फीसदी की गिरावट आई है।
गेहूं, आलू, प्याज, अंडा, मछली और मांस की कीमतों में भारी गिरावट आई है।
डब्ल्यूपीआई के आंकड़े के अनुसार, गेहूं की कीमतों में दिसंबर 2013 में 7.63 फीसदी वृद्धि हुई थी, जबकि 2014 की समान अवधि में इसमें 2.46 फीसदी गिरावट आई।
प्याज की कीमत में 18.54 फीसदी की गिरावट आई है, जो कि दिसंबर 2013 में 38.30 फीसदी बढ़ी थी। अंडा, मछली और मांस की महंगाई दर 0.68 फीसदी रही, जबकि दिसंबर, 2013 में इसमें 11.68 की वृद्धि दर्ज की गई थी।
ईंधन और बिजली की कीमतों में 7.82 फीसदी की गिरावट रही, जिसमें दिसंबर 2013 में 10.87 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
खुदरा महंगाई दिसंबर 2014 में पांच फीसदी दर्ज की गई, जो कि 2013 की समान अवधि में 9.87 फीसदी थी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर में हालांकि दिसंबर में वृद्धि हुई है, जो नवंबर 2014 में 4.4 फीसदी के रिकार्ड निचले स्तर पर रही।
जनवरी 2012 में शुरू हुई सीपीआई की गणना के बाद से नवंबर में खुदरा महंगाई दर सबसे कम रही है।
डब्ल्यूपीआई और सीपीआई के आंकड़ों से भारतीय कंपनियां अगले मौद्रिक नीति में बैंक दरों में कटौती की उम्मीद कर रही हैं।
आरबीआई ने सीपीआई की दर जनवरी 2015 में आठ फीसदी और जनवरी 2016 में छह फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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