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बिजनेस

दंपतियों के लिए ‘अवीवा हार्ट केयर’ इंश्योरेंस उतारा

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अवीवा हार्ट केयर

अवीवा हार्ट केयर

नई दिल्ली  | अवीवा लाइफ इंश्योरेंस ने कपल्स के लिए बुधवार को ‘अवीवा हार्ट केयर’ के नाम से हार्ट इंश्योरेंस लांच किया है। इस उत्पाद की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें एक ही पॉलिसी में जीवनसाथी और स्वयं के लिए मामूली अतिरिक्त प्रीमियम पर सुरक्षा मिलती है। इसमें बेसिक बीमा राशि समाप्त हो जाने पर गंभीर परिस्थितियों के लिए पॉलिसी के लाभ को दोबारा इस्तेमाल करने का भी विकल्प है।

इस पॉलिसी के दायरे में हृदयधमनी संबंधी 19 हल्के, मध्यम और गंभीर समस्याओं का इलाज शामिल हैं, साथ ही इलाज के खर्च का विचार किए बगैर एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है।  आनुवांशिकी, स्वास्थ्यकर खान-पान, शिथिल जीवनशैली, तनाव आदि विभिन्न कारणों से भारतीय लोगों में हृदयरोग की व्यापकता को देखते हुए इस देश को विश्व की हृदयधमनी रोग की राजधानी कहा जाने लगा है।

शोध के मुताबिक लोगों को मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं है और अस्पताल में भर्ती का 78 प्रतिशत खर्च लोग अपनी जेब से चुकाते हैं। ऐसे में अवीवा हार्ट केयर एक समर्पित, व्यापक हार्ट केयर प्लान है जो मौजूदा जरूरत को पूरा करता है। अवीवा लाइफ इंश्योरंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ट्रेवर बुल ने कहा, “अवीवा की टीम लोगों के स्वस्थ्य जीवन यापन के प्रति वचनबद्ध है।

इसलिए हमने ‘अवीवा हार्ट केयर’ पेश किया है। इस प्रोडक्ट का उद्देश्य हृदय को स्वस्थ्य रखने में लोगों की सहायता करना और उन्हें खुद एवं जीवन साथी के लिए स्वास्थ्य को प्राथमिकता बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।” मशहूर कार्डिएक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा, “भारत में 40 से कम उम्र वाले वर्ग में हृदयधमनी रोग 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

आजकल यह गंभीर बीमारियों में से एक है जिसमें हर साल 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है। हम अक्सर देखते हैं कि इलाज के लिए आने वाले लोगों के पास पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा नहीं होती है।” अवीवा के ब्रांड ऐम्बेसडर सचिन तेन्दुलकर ने ऐसे उत्पाद की जरूरत बताते हुए कहा, “एक खिलाड़ी के नाते मैं हमेशा से तंदुरुस्ती का ख्याल रखता हूं।

मेरा मानना है कि खुशहाल जीवन के लिए हृदय का स्वस्थ रहना जरूरी है। अवीवा हार्ट केयर जैसी बीमा पॉलिसी से परिवारों को पारस्परिक स्वास्थ्य की देखभाल में आसानी होगी। मैं मानता हूँ कि परिवार को साथ रखने के लिए कपल्स में दोनों के हार्ट का बीमा सचमुच ‘गुड थिंकिंग’ है।”

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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