नेशनल
दवाओं के दाम घटे हैं : अनंत कुमार
नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के शासन में पिछले छह महीनों के दौरान दवाओं के दाम घटे हैं। सरकार ने कहा कि वह जेनेरिक दवाओं के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा, “पिछले छह महीनों के दौरान दवाओं के दाम नहीं बढ़े हैं। दवाओं के दाम बढ़ने का सवाल ही नहीं बनता, बल्कि मोदी सरकार के अंतर्गत दवाओं के दाम घटे हैं।”
मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्रत्येक राज्य में एक एकीकृत फार्मास्यूटिकल डेटाबेस प्रणाली और मूल्य निगरानी संसाधन इकाइयां स्थापित की गई हैं।
उन्होंने बताया, “मोदी सरकार का लक्ष्य, लोगों को गुणवत्तापरक और सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना होगा।”
उन्होंने बताया कि देशभर में जेनेरिक दवाओं के 3,000 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने बताया कि नकली दवाओं की जांच के लिए देश की प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता और श्रम शक्ति बढ़ाने की जरूरत है।
बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने बताया कि चिकित्सक केवल जेनेरिक दवाएं लिखें, यह सुनिश्चत करने के लिए एक कानून की जरूरत है।
कांग्रेस की एक अन्य सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि इस सरकार राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्यनिर्धारण प्राधिकरण को समाप्त कर दिया।
उत्तर प्रदेश
बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन
भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी
चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।
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