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प्रादेशिक

दशहरा व मोहर्रम पर कड़ी चौकसी बरते यूपी सरकार : भाकपा

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लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उत्तर प्रदेश सचिव मंडल ने राज्य सरकार को आगाह किया है कि वह पूर्व के अनुभवों, प्रदेश के विषाक्त वातावरण और दशहरा, दुर्गा पूजा तथा मोहर्रम जैसे त्योहारों को देखते हुए प्रदेश को किसी अनहोनी से बचाने को कड़े कदम उठाए।

पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहा कि विगत कई वर्षो से देखने में आ रहा है कि दुर्गा पूजा और मोहर्रम जैसे त्योहारों से पहले सांप्रदायिक और दूसरे अवांछनीय तत्व धार्मिक कर्मकांडों की आड़ में दंगा भड़काने का हर संभव प्रयास करते हैं। पिछले वर्ष भी इस दरम्यान कई शहर और जिले दंगों की चपेट में आ गए थे। इस साल दादरी, वाराणसी की घृणित घटनाएं और करहल, गोंडा सहित प्रदेश में सौ से अधिक दंगे हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और बिहार में चल रहे विधानसभा चुनाव में वोटों को विभाजित करके लाभ उठाने की कोशिशें भी सांप्रदायिक शक्तियां लगातार कर रही हैं। इसलिए राज्य सरकार के स्तर पर कड़ी चौकसी, निगरानी और कठोरतम कार्रवाई की जरूरत है। भाकपा को उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने दल के स्वार्थो से ऊपर उठकर प्रदेश में अमन, शांति और सद्भाव की रक्षा के लिए कठोर से कठोर प्रशासनिक कदम जरूर उठाएंगे।

भाकपा ने राज्य सरकार को सुझाव दिए कि वह सुनिश्चित करे कि किसी भी मिली जुली आबादी से किसी भी समुदाय का धार्मिक जुलूस न निकाला जाए, डीजे तथा अन्य वाद्य यंत्रों या हथियारों का प्रदर्शन हर कीमत पर रोका जाए, प्रतिमाओं या ताजियों का विसर्जन-दफन अनुमति के आधार पर निर्धारित स्थानों पर ही किया जाए।

डॉ. गिरीश ने कहा कि यह जरूरी है कि खुफिया एजेंसियों को सक्रिय किया जाए तथा मिलीजुली आबादियों में धर्मनिरपेक्ष लोगों को लेकर बनी शांति कमेटियों को सक्रिय किया जाए। पार्टी ने सराकर को सुझाव दिया कि जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों, सेक्टर मजिस्ट्रेटों और थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिया जाए कि उनके क्षेत्रों में घटनाएं होने पर वे स्वयं इसके जिम्मेदार ठहराए जाएंगे और कठोर कार्रवाई के पात्र होंगे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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