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दिल्ली में डेंगू से 2 और मौत, कुल 18 मौतें
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के दो और संदिग्ध मरीजों की मौत हो गई, जिसके साथ ही डेंगू से मरने वालों का आंकड़ा 18 पहुंच गया, हालांकि आधिकारिक तौर पर डेंगू से पांच मौतों की ही पुष्टि की जा रही है। वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीमारी से लड़ने में संसाधनों को आड़े नहीं आने दिया जाएगा।
दिल्ली सचिवालय में डेंगू पर एक समीक्षा बैठक में कहा, “डेंगू से निपटने में संसाधन आड़े नहीं आएगी। किसी भी तरह की कमी होने पर जितनी भी आर्थिक मदद व अन्य उपायों की जरूरत होगी, मुहैया कराई जाएगी।” साढ़े तीन साल की नेहा माथुर के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि बुधवार को उनकी बेटी की डेंगू से मौत हो गई। लेकिन शहर के दो अस्पतालों ने उनकी बच्ची की डेंगू की जांच की सिफारिश नहीं की।
वहीं, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक सूत्र ने कहा कि डेंगू से नौ वर्षीय सबरीना फातिमा की मंगलवार को मौत हो गई। उसे दक्षिणी दिल्ली के अबुल फजल इन्क्लेव से अस्पताल लाया गया था। संगम विहार के निवासी नेहा के पिता विनोद माथुर के मुताबिक, उनकी बेटी को मदन मोहन मालवीय अस्पताल व हमदर्द मजीदिया अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसका एसीडिटी का इलाज हुआ, लेकिन चिकित्सकों ने दो दिनों तक डेंगू की जांच की सिफारिश नहीं की।
माथुर ने हालांकि कहा कि साकेत सिटी अस्पताल में लड़की को डेंगू होने की पुष्टि हुई, जहां उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा, “हम उसे लेकर पहले मदन मोहन मालवीय अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने कहा कि उसे एसीडिटी की शिकायत है, जिसके लिए उन्होंने दवाएं लिखीं और घर जाने के लिए कहा। वहीं हमीदिया अस्पताल के चिकित्सकों ने भी वही बात कही।” विनोद ने कहा, “लेकिन दोनों अस्पतालों के चिकित्सकों ने डेंगू की जांच कराने को नहीं कहा। उसके बाद बुधवार सुबह उसे लेकर हम साकेत सिटी अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी डेंगू की जांच हुई, जिसमें इसकी पुष्टि हुई। उसे दो घंटे तक आईसीयू में रखा गया, जहां अपराह्न दो बजे उसकी मौत हो गई।”
साकेत सिटी अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, प्लेटलेट्स की संख्या का पता करने के लिए उसके रक्त के नमूने की कंप्लीट ब्लड काउंट जांच कराई गई, जिसमें उसका प्लेटलेट्स मात्र 10 हजार पाया गया। लेकिन लड़की के पिता ने कहा, “मैंने 15 सितंबर को एक निजी लैब में उसके प्लेटलेट्स की जांच कराई थी, जिसमें वह लगभग 165,000 पाया गया था।”
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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