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प्रादेशिक

दिल्ली में मणिपुरी के लोगों ने किया प्रदर्शन

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नई दिल्ली। मणिपुर के विभिन्न संगठनों के 300 से अधिक लोगों ने सोमवार को यहां प्रदर्शन किया। वे राज्य में बाहरी लोगों के बसावट पर रोक लगाने के लिए विशेष पास जारी करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को संबोधित करते हुए उनके कार्यालय को ज्ञापन सौंपा।

नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे बाहरी लोगों तथा पर्यटकों के लिए सीमित अवधि के लिए पास जारी करने को लेकर नीति बनाएं। मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन इन दिल्ली के पूर्व सलाहकार सेरन रोजेश ने आईएएनएस को बताया, “मणिपुर में मूल जनसंख्या बाहरी लोगों के कारण खतरे में है। मणिपुर की जनसंख्या 27 लाख है और इसमें से नौ लाख प्रवासी हैं। म्यांमार और बांग्लादेश के लोगों के बसने पर रोक लगाने की कोई नीति नहीं है।”

इस तरह के पास जारी करने की व्यवस्था ब्रिटिश सरकार के दौरान वाणिज्यिक हितों विशेषकर तेल एवं चाय को बचाने के लिए शुरू की गई थी। रोजेश ने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ उनके प्रदर्शन पर ध्यान नहीं दिया गया, जिस वजह से उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन किया है और केंद्र सरकार से मदद की अपील की है। मणिपुरी छात्र मणिश्वर नांगमैथम ने बताया, “इसकी बहुत आवश्यकता है। चीजों को नियंत्रण में लाने के लिए ब्रिटिश काल से मणिपुर में रह रहे लोगों को स्थायी निवास का प्रमाण देने पर रोक लगाना आवश्यक है।”

इसके अतिरिक्त वे 1951 को आधार वर्ष बनाए जाने, गैर-मणिपुरी नागरिकों के प्रवेश पर रोक के लिए सरकारी विभाग के गठन, किसी व्यक्ति तथा समुदाय की जमीन को उद्योगपतियों के अधिग्रहण से बचाने की मांग कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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