Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

दिसंबर नहीं अक्टूबर में जन्में थे ईसा मसीह, इसीलिए मनाते हैं आज क्रिसमस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज यानी की 25 दिसंबर को पूरे देश में क्रिसमस की धूम है। जहां देखो वहाँ लोग आज सेंटा को याद कर रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता हैं कि कुछ मान्यताएं क्रिसमस का कुछ और ही सच बताती है। जी हां। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि आज के दिन ईसा मसीह का का जन्म नहीं हुआ था। कहा जाता है कि उनका जन्म अक्टूबर में हुआ था, लेकिन फिर भी ईसा मसीह का जन्मदिन मनाने के लिए इस दिन को चुना गया।

 

ये है पूरा किस्सा-

ये कोई मनगड़ंत कहानी नहीं बल्कि एक पूरा सच किस्सा है जी हां दरअसल चौथी शताब्दी से पहले ईसाई समुदाय इस दिन को त्योहार के रुप में नहीं मनाते थे। मगर, चौथी शताब्दी के बाद इस दिन ईसाईयों का प्रमुख त्योहार मनाया जाने लगा। माना जाता है कि यूरोप में गैर-ईसाई समुदाय के लोग सूर्य के उत्तरायण के मौके पर त्योहार मनाते थे। इस दिन सूर्य के लंबी यात्रा से लौट कर आने की खुशी मनाई जाती है, इसी कारण से इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है।

Image result for क्रिसमस

 

इस दिन की प्रमुखता देखते हुए ही ईसाई समुदाय ने इस दिन को ईशू के जन्मदिन के रुप में चुना। क्रिसमस से पहले ईस्टर का पर्व ईसाई समुदाय का प्रमुख त्योहार माना जाता था। द न्यू इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका के अनुसार, सर्दियों के मौसम में सूर्य की रोशनी कम हो जाती थी, तो गैर-ईसाई इस मकसद से पूजा पाठ किया करते थे कि सूर्य लंबी यात्रा से वापस आकर उन्हें ऊर्जा और रोशनी देगा।

Image result for क्रिसमसऐसा मानना था कि सूर्य 25 दिसंबर से उत्तरायण होना शुरू होता है, लिहाजा वे लोग इस दिन को बड़ा दिन मानते थे। इस त्योहार और इसकी रस्मों को ईसाई धर्म गुरुओं ने अपने धर्म से मिला लिया और इसे ईसाइयों का त्योहार ‘क्रिसमस-डे’ नाम दिया गया।

Image result for क्रिसमसक्रिसमस ट्री बनाने की ऐसे हुई शुरुआत –

बता दें कि, क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरूआत पहली बार 10वीं शताब्दी में जर्मनी में हुई थी। ऐसा करने वाला पहला व्यक्ति एक अंग्रेज धर्म प्रचारक बोनिफेंस टुयो था।

Image result for क्रिसमस

क्यों करते हैं हम सेंटा को याद-

सेंटा क्लॉज इस दिन बच्चों को गिफ्ट देते हैं। दरअसल, उनका पूरा नाम संत निकोलस था, जो जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में जन्मे थे। सेंटा के बचपन में ही उनके माता-पिता की मौत हो गई थी और सेंटा को सिर्फ जीसस पर ही विश्वास बचा था।

Image result for क्रिसमसबड़े होने पर उन्होंने अपनी जिंदगी जीसस को समर्पित कर दी। पहले वह पादरी बने और फिर बिशप। वह आधी रात को बच्चों को गिफ्ट दिया करते थे, ताकि कोई उन्हें देख नहीं पाए, और यही वजह है कि आज भी लोगों को सेंटा का इन्तेजार रहता है।

Continue Reading

अन्य राज्य

सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

Published

on

Loading

राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

Continue Reading

Trending