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प्रादेशिक

दीपावली की आहट से बाजारों में रौनक

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लखनऊ। दीपों के पर्व दीपावली के आने में भले ही डेढ़ सप्ताह का वक्त है, पर जगमग दीपों के साथ साजसज्जा के त्योहार दीपावली की आहट अब बाजारों में दिखाई देने लगी है। साफ-सफाई और सजाने-संवारने के लिए घर तक पहुंचे रंग-रोगन और कूची ने छतों-दीवारों पर रंग बिखेरना शुरू कर दिया है।

समय के साथ लोगों की रुचि में बदलाव अब साफ नजर आ रहा है। यही कारण है कि ज्योति पर्व दीपावली पर कभी रंगाई-पुताई के काम में एकछत्र राज करने वाला चूना अब चलन से बाहर है। सीलन से न लड़ पाने की क्षमता इसकी विदाई का एक बहुत बड़ा कारण है। ऐसे में रंगाई-पोताई में मजबूत दखल बनाई है ऑयल आउंड डिस्टेंपर ने जो टिकाऊ व कलरफुल होने के साथ ही लोगों के बजट को भी रास आ रहा है।

रंग का प्रभाव व्यक्तित्व पर

हर रंग कुछ कुछ कहता है। रंग का दिमाग पर भी असर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि इस दीपावली पर जब आप अपने घरों को रंगे तो उस रंग के माध्यम से अपने मनोभावों को ही नहीं आंखों के सुकून को भी ध्यान में जरूर रखे।

मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, रंग मन की शांति ही नहीं बल्कि तनाव के कारण भी बन सकते हैं। इसलिए रंग कराते समय ध्यान रखना जरूरी है। अब वाटर बेस एनामिल पेंट बाजार में आ गया है। इसकी कीमत 275 से 300 रुपये प्रति लीटर है। रंग का प्रभाव सीधे-सीधे लोगों के व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। पढ़ने वाले बच्चों के कमरे में नीले, लाल, गुलाबी जैसे चटखदार रंग उनके अंदर ऊर्जा पैदा करते है। विवाहिता जोड़ों के कमरों में आसमानी, ग्रीन क्रम जैसे रंग अच्छे होते है।

बुजुर्गो के कमरे में सफेद और हल्के रंग प्रयोग किए जाने चाहिए। कंपनियों की ओर से स्कीम प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तकरीबन हर कंपनी ग्राहकों के लिए त्योहारी उपहारों के साथ बाजार में है। साथ में वारंटी स्कीम भी लागू है। एक दो नहीं बल्कि अब तो दस साल तक की वारंटी भी दी जाने लगी है। समय के साथ ट्रेंड बदल रहा है।

महंगी पड़ती है हर वर्ष रंगाई

इंदिरानगर की रहने वाली स्मृति मिश्रा का कहना है कि डिस्टेंपर व पेंट पर भी महंगाई की मार जबरदस्त है। तीन से साढ़े सौ रुपये रोज की मजदूरी पर जब कोई पेंट कराता है तो वह चाहता है कि उसकी गाढ़ी कमाई कम से कम तीन से चार साल चले। इसलिए अब लोग चूना नहीं बल्कि डिस्टेंपर या फिर प्लास्टिक पेंट पसंद कर रहे है।

रंग कारोबारी का कहना है कि चूना से लोगों ने अब किनारा कर लिया है। अब घरों में 85 फीसद डिस्टेंपर हो रहे हैं। तकरीबन 10 फीसद घरों में प्लास्टिक पेंट का प्रयोग हो रहा है। पिछले चार-पांच सालों से इसकी मांग बढ़ी है। आंतरिक से लेकर बाहरी रंगाई अब इन्हीं से की जा रही है। इसमें सफेद बेस स्टेनर मिला कर रंग तैयार किए जाते हैं।

 

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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