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नेशनल

देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान जारी

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नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)| देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार को सांसद और विभिन्न राज्यों के विधायक मतदान कर रहे हैं। नए राष्ट्रपति के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्षी पार्टियों की संयुक्त उम्मीदवार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बीच मुकाबला है।

वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है।

राष्ट्रीय और राज्य की राजधानियों में सुबह 10 बजे मतदान प्रक्रिया शुरू हुई।

मतदान के दौरान कई सांसद संसद भवन के बाहर कमरा नम्बर 62 में बने मतदान केंद्र के बाहर कतार में खड़े दिखाई दिए।

मतदान शाम पांच बजे समाप्त होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मतदान शुरू होने के शुरुआती घंटों में ही वोट डालने वालों में शामिल रहे।

मोदी सफेद कुर्ता-पायजामा के ऊपर हल्के बादामी रंग की आधी आस्तीन वाला एक जैकेट पहने हुए मतदान के लिए संसद परिसर पहुंचे। संसद के तीन सप्ताह का मानसून सत्र भी सोमवार को ही शुरू हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र देश में एक नई उम्मीद जगाएगा।

उन्होंने कहा, आज मानसून सत्र शुरू हो रहा है और जिस प्रकार मानसून आशाएं लाता है, उसी प्रकार यह सत्र भी आशा की वही भावना लाया है।

गुजरात से विधायक शाह ने भी राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

सभी निर्वाचित सांसद हरे रंग के और विधायक गुलाबी रंग के मतपत्रों पर वोट डाल रहे हैं। वे मतदान के लिए अपने पेन का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके लिए उन्हें बैंगनी स्याही वाले विशेष अंक वाले पेन दिए गए हैं।

मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी राज्यों से मतपेटियां दिल्ली लाई जाएंगी, जिन्हें संसद में रखा जाएगा।

मतगणना और परिणाम की घोषणा 20 जुलाई को होगी।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने मतदान के लिए संसद जाने से पहले कहा, कोविंदजी आरामदायक और सम्मानित अंतर से जीत जाएंगे।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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