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मुख्य समाचार

देश में 4 में से 1 महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित

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नई दिल्ली, 1 सितम्बर (आईएएनएस)| देश में प्रत्येक चार में से एक महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) यानी की अंत:स्रावी तंत्र विकार से पीड़ित है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है। हालांकि यह बीमारी बेहद आम है लेकिन खतरे की बात यह है कि इसको लेकर महिलाओं में जागरूकता की बहुत कमी है। प्रत्येक वर्ष के सितंबर माह को विश्व पीसीओएस जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसके मद्देनजर डॉ बत्राज मल्टी-स्पेशिएलिटी होम्योपैथी द्वारा इसके सुरक्षित और प्रभावशाली उपचार के विषय में लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया गया है।

डॉ. बत्राज मल्टी स्पेशियलिटी होम्योपैथी के मुताबिक, 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं इस बात से अनजान हैं कि वे इस विकार से पीड़ित हैं। अनियमित और दर्दनाक मासिक, चेहरे और शरीर पर बालों का बढ़ना और पतला होना, तेजी से वजन बढ़ने जैसे लक्षणों के साथ पीसीओएस अक्सर आत्म-सम्मान के कम होने का कारण बनता है। इसे अनदेखा करने से बांझपन, मधुमेह, हृदय रोग और एंडोमेट्रियल कैंसर जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।

डॉ. बत्राज के मुताबिक, बहुत से लोगों के लिए जांच परीक्षण मंे पीसीओएस पाए जाने का मतलब प्रजनन संबंधी समस्याएं पूरे जीवनकाल हो सकती हैं, लेकिन बहुत सी महिलाओं को यह नहीं पता कि यह होम्योपैथी के साथ इस रोग का इलाज किया जा सकता है और वे पीसीओएस मुक्त, स्वस्थ और सामान्य जीवन जी सकती हैं।

डा. बत्राज के संस्थापक और अध्यक्ष एमेरिटस एवं पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा ने कहा, किसी भी समाज में महिलाएं स्वास्थ्य देखभाल की रीढ़ हैं। हालांकि, अक्सर वे अपने स्वास्थ्य को अनदेखा करती हैं।

उन्होंने कहा, एक देश के स्वस्थ होने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि उसकी महिलाएं स्वस्थ हों। मेरे 44 साल के अभ्यास में, मैंने पीसीओएस के लक्षणों के साथ अधिक से अधिक महिलाओं को देखा है। होम्योपैथी सुरक्षित, सिद्ध और लागत प्रभावी उपचार विधियों की पेशकश करता है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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