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देश में 5 लाख से ज्यादा गांव खुले में शौच से मुक्त : मोदी

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नई दिल्ली, 27 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि साढ़े पांच लाख से ज्यादा गांव और 600 जिले खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं और 98 फीसदी से ज्यादा ग्रामीण भारत स्वच्छता के दायरे में आ गया है। इनमें नौ करोड़ परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया गया है।

मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, “दो अक्टूबर 2014 को हमने साथ मिलकर देश को स्वच्छ करने और खुले में शौच से मुक्त करने का यादगार सफर शुरू किया था। देश की जनता के स्पष्ट सहयोग के कारण भारत आज खुले में शौैच से मुक्त होने के तय लक्ष्य को 2 अक्टूबर 2019 से बहुत पहले ही पूरा करने वाला है। यह लक्ष्य बापू की 150वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए तय किया गया था।”

उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में 50 लाख से ज्यादा शौचालयों ने ‘क्लीन ब्यूटीफुल टॉयलेट’ या ‘शाइनिंग टॉयलेट’ प्रतियोगिता में भाग लिया था।

मोदी ने कहा कि इस प्रतियोगिता के तहत लोग अपने शौचालयों को स्वच्छ करते हैं और उन्हें रंगते हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर कन्याकुमारी से कच्छ से असम के कामरूप तक के ऐसे शौचालयों की कई तस्वीरें जारी हुई थीं।

प्रधानमंत्री ने सरपंचों और ग्राम प्रधानों से उनकी पंचायतों में स्थित स्वच्छ और सुंदर शौचालयों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर हैशटैग ‘माईइज्जतघर’ के साथ शेयर कर अभियान की अगुआई करने का आग्रह किया।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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