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द. अफ्रीका ने सर्वोच्च स्कोर का अपना ही रिकॉर्ड सुधारा

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सिडनी | दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम ने मंगलवार को आईसीसी विश्व कप में एक पारी में दूसरे सर्वोच्च स्कोर के अपने ही पुराने रिकॉर्ड में सुधार किया। मानुका ओवल मैदान पर जारी आईसीसी विश्व कप-2015 के पूल-बी मुकाबले में आयरलैंड के सामने पहले बल्लेबाजी करते हुए द. अफ्रीका ने चार विकेट के नुकसान पर 411 रन बनाए और विश्व कप के पिछले ही मैच में बनाए अपने रिकॉर्ड में सुधार किया।

गौरतलब है कि विश्व कप में सबसे बड़ी पारी का रिकार्ड भारत के नाम है। भारत ने 2007 विश्व कप में बरमुडा के खिलाफ पांच विकेट पर 413 रन बनाए थे। हशिम अमला (159) और फाफ दू प्लेसिस (109) ने इसमें बड़ी भूमिक निभाई और क्विंटन डी कॉक (4) का विकेट गिरने के बाद दूसरे विकेट के लिए दोनों खिलाड़ियों ने 247 रनों की साझेदारी की। विश्व कप इतिहास में दक्षिण अफ्रीका की ओर से दूसरे विकेट के लिए यह सबसे बड़ी साझेदारी है। यह पहला मौका है जब किसी टीम ने विश्व कप के एक ही संस्करण में दो बार 400 या उससे अधिक का स्कोर हासिल किया है। द. अफ्रीका ने इससे पहले 27 फरवरी, 2015 को सिडनी में वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच विकेट पर 408 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ उस पारी में दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान अब्राहम डिविलियर्स (नाबाद 162) ने तूफानी पारी खेली थी।

डिविलियर्स ने उस मैच में विश्व कप का दूसरा सबसे तेज शतक लगाया था। डिविलियर्स ने 52 गेंदों पर शतक पूरा किया। साथ ही उन्होंने अपनी 162 रनों की नाबाद पारी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय में सबसे तेज 150 रन पूरे किए। विश्व कप में यह तीसरा मौका है जब टीमों ने 400 या उससे अधिक का योग खड़ा किया है। श्रीलंकाई टीम 1996 में कैंडी में केन्या के खिलाफ पांच विकेट पर 398 रन बनाकर इसके करीब पहुंची थी, लेकिन वह दो रनों के अंतर से विश्व कप में 400 का स्कोर छूने से चूक गई थी। विश्व कप से इतर एकदिवसीय मैचों में हालांकि सर्वोच्च योग का रिकार्ड श्रीलंका के ही नाम है। श्रीलंकाई टीम ने 2006 में नीदरलैंड्स के खिलाफ नौ विकेट पर 443 रन बनाए थे। इसके बाद द. अफ्रीका का स्थान आता है, जिसने इसी साल 18 जनवरी को जोहांसबर्ग में दो विकेट पर 439 रनों का स्कोर खड़ा किया था।

वेस्टइंडीज के खिलाफ उस मैच में 31 गेंदों पर शतक लगाने वाले डिविलियर्स के नाम अब एकदिवसीय मैचों में सबसे तेज अर्धशतक (16 गेंद), सबसे तेज शतक (31 गेंद) और सबसे तेज 150 रन (64 गेंद) का रिकार्ड है। एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में अब तक कुल 13 मौकों पर टीमों ने 400 या उससे अधिक का स्कोर खड़ा किया है। दक्षिण अफ्रीका ने मंगलवार को पांचवीं बार यह उपलब्धि हासिल की, जबकि इससे पहले पांच मौकों पर भारतीय टीम यह कारनामा कर चुकी है। दो बार श्रीलंका ने यह कारनामा किया है और एक-एक मौके पर न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया भी ऐसा करने में सफल रहे हैं।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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