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धर्म के आधार पर लोगों को बांटने वाला देश का शुभचिंतक नहीं : केजरीवाल
नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि जो लोग धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, वो देश के शुभचिंतक नहीं हैं।
उन्होंने देश के विकास के लिए लोगों से एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना रखने की अपील की। केजरीवाल ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा, लोगों को धर्म के नाम पर एक दूसरे से लड़ने के लिए उकसाया जा रहा है। देश हमारी मां है और हम सभी चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों, इसकी संतान हैं। जिस घर में एक साथ रहने वाले लोग झगड़ेंगे, वह घर तरक्की नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि जो लोग एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ भड़काते हैं, वो देश के शुभचिंतक नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी नेता ने लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों की याद दिलाई।
उन्होंने कहा, देश और इसके निवासियों को आजादी दिलाने के सपने को साकार करने के मकसद से काफी संख्या में लोगों ने अपनी शहादतें दीं। क्या हम कह सकते हैं कि हमने उनके सपनों को पूरा किया है?
उन्होंने कहा कि भारत के बाद कई देश आजाद हुए मगर विकास के मामले में वे भारत से आगे हैं।
उन्होंने कहा, भारत की गिनती अब तक पिछड़े देशों में होती है। हमारे देश को विकासशील देश माना जाता है, विकसित नहीं।
लोगों की समस्याओं को जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि भारी तादाद में लोग अशिक्षित हैं, गरीब हैं, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम हैं।
अपनी सरकार की पिछले तीन साल की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने यह साबित कर दिखाया है कि चीजों में सुधार किया जा सकता है, बशर्ते ‘हमारी नीयत’ साफ हो।
उन्होंने लोगों से शिक्षा के क्षेत्र में युद्धस्तर पर काम करने की अपील की ताकि कोई अशिक्षित न रहे।
उन्होंने कहा, शिक्षा में सुधार के लिए अगर हम सिर्फ एक साल समर्पित कर दें तो हमें दुनिया में नंबर वन बनने से कोई रोक नहीं सकता। शिक्षा के बगैर कोई देश तरक्की नहीं कर सकता है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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