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धौनी के बैट की लगाई प्रदर्शनी, फिर भारत की जीत की उम्मीद
नई दिल्ली | आस्ट्रेलिया के साथ सिडनी में होने वाले विश्व कप सेमीफाइनल मुकाबले से पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के उस बल्ले की प्रदर्शनी बंगाली मार्केट में लगाई गई है जिससे उन्होंने पिछले विश्व कप के फाइनल में विजयी छक्का लगाया था। इस बल्ले को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज किया जा चुका है। दरअसल, विश्व कप के बाद 18 जुलाई, 2011 को हुए नीलामी में इसे 100,000 पाउंड में बेचा गया। माना जा रहा है कि बल्ले का मौजूदा दाम करीब एक करोड़ रुपये है।
इस बल्ले को फाइनेंसियल ब्रोकिंग फर्म आर. के. ग्लोबल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमित बाघचंडका ने खरीदा था। धौनी ने उस समय बल्ले पर अपना ऑटोग्राफ भी दिया। धौनी के प्रशंसक अमित ने कहा, “बल्ला भले ही आर. के. ग्लोबल के पास है लेकिन यह हमेशा धौनी की संपत्ति रहेगा। हम खुद को उनकी विरासत के रक्षक मानते हैं। हमने बचपन से कपिल देव को ही विश्व कप खिताब के साथ देखा है। धौनी ने हमें एक और इतिहास बनते हुए देखने का मौका दिया।” यह पूछने पर कि अगर भारत इस बार भी चैम्पियन बनता है तो क्या वह एक बार फिर धौनी के बल्ले को खरीदेंगे, अमित ने कहा, “निश्चित तौर पर। इसमें कोई संदेह नहीं रहना चाहिए। उम्मीद करते हैं कि भारत एक बार फिर विजयी होगा। इस बार भारतीय टीम में 11 सुपरहीरो हैं।”
अमित ने साथ ही कहा कि धौनी बहुत सौम्य इंसान हैं और उनकी यह खासियत सभी का दिल जीत लेती है। भारतीय टीम को विश्व कप का सेमीफाइनल आस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार को खेलना है। अमित के अनुसार वह सेमीफाइनल में भारतीय टीम का हौसला बढ़ाने के लिए आस्ट्रेलिया जाने की भी योजना बना रहे हैं। गौरतलब है कि धौनी भारतीय क्रिकेट इतिहास से सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। वह एक मात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के तीनों बड़े टूर्नामेंट विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी और विश्व कप टी-20 जीता है।
साथ ही वह एकमात्र ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिन्हें लगातार दो साल 2008 तथा 2009 में आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ दि ईयर के पुरस्कार से नवाजा गया। पद्मश्री से सम्मानित धौनी ने 261 एकदिवसीय मैच खेले हैं और उनके नाम 8,434 रन हैं जिसमें नौ शतक तथा 57 अर्धशतक शामिल हैं।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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