मुख्य समाचार
नए प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज
नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को देश के नए प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। सर्वोच्च न्यायालय के मौजूदा प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर तीन जनवरी, 2017 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
न्यायिक पारदर्शिता एवं सुधार के लिए राष्ट्रीय अधिवक्ता अभियान की ओर से दायर याचिका को न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एल.नागेश्वर राव की अवकाश पीठ ने खारिज कर दिया। राष्ट्रीय अधिवक्ता अभियान का प्रतिनिधत्व कर रहे कई वकीलों ने अदालत को बताया कि खंडपीठ उन्हें बार-बार याद दिला रही है कि उनकी याचिका निष्फल हो गई है, क्योंकि न्यायाधीश खेहर की नियुक्ति की अधिसूचना 19 दिसंबर को जारी की गई थी।
न्यायिक पारदर्शिता और सुधार के लिए राष्ट्रीय अधिवक्ता अभियान के अलावा इस याचिका का कई वकीलों ने भी समर्थन किया है।
याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रधान न्यायाधीश और केंद्रीय कानून मंत्री को इस संबंध में मिली सलाहों पर विचार करे। याचिका में न्यायाधीश चेलामेश्वर को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। याचिका में कहा गया है कि पिछले 66 वर्ष में भारत में 43 मुख्य न्यायाधीश रहे और इनमें से कुछ का कार्यकाल 21 दिनों का भी रहा है।
अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायाधीश चेलामेश्वर का पक्ष लेते हुए याचिकाकर्ता संस्था ने कहा कि वह कॉलेजियम के कामकाज में पारदर्शिता की वकालत करती है। इसके अलावा, न्यायिक पारदर्शिता और सुधारों के लिए राष्ट्रीय अधिवक्ता अभियान का कहना है कि न्यायाधीश चेलामेश्वर, खेहर से वरिष्ठ हैं। चेलामेश्वर 23 जून 1997 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे, जबकि खेहर आठ फरवरी 1999 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
याचिका के मुताबिक, न्यायाधीश खेहर को पदोन्नति देने की वजह से वह वरिष्ठ हो गए हैं। याचिका के मुताबिक, निस्संदेह खेहर सर्वोच्च न्यायालय के होनहार न्यायाधीशों में से एक है और उनकी ईमानदारी और निष्ठा पर कोई उंगली नहीं उठा सकता।
मुख्य समाचार
बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
-
लाइफ स्टाइल6 hours ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
आध्यात्म3 days ago
क्यों बनता है गोवर्धन पूजा में अन्नकूट, जानें इसका महत्व
-
आध्यात्म3 days ago
आज है गोवर्धन पूजा, जानें पूजन विधि व शुभ मुहूर्त
-
नेशनल12 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश8 hours ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद13 hours ago
भारतीय क्रिकेट टीम पहुंची साउथ अफ्रीका, खेलेगी चार मैचों की टी20 सीरीज
-
उत्तराखंड2 days ago
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
-
नेशनल2 days ago
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण सनातन धर्म की रक्षा के लिए ‘नरसिंह वरही ब्रिगेड’ के गठन की घोषणा