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नकदी बदलने की सीमा घटने से आम जनता हुई बेजार

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Note changeनई दिल्ली। नोटबंदी के चलते नकदी की समस्या से पहले से ही परेशान आम आदमी की मुसीबतें सरकार ने गुरुवार को नोट बदलने की सीमा घटा दीं, जिसके कारण उसे चारों ओर से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने गुरुवार को पुराने अमान्य नोटों को बदलने की सीमा 4,500 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये कर दी।

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने पत्रकारों को बताया कि बैंक को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट देकर नए नोट हासिल करने की सीमा शुक्रवार से 4,500 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये रह जाएगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने यह भी कहा कि इस तरह के लेनदेन के लिए उंगली में स्याही लगाने की प्रक्रिया उसी तरह जारी रहेगी।

नोटबंदी का फैसला आम आदमी के लिए सदमे की तरह था, जिसे अब बैंक और एटीएम के बाहर कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। कतार में खड़ा होने के लिए लोगों को स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों से छुट्टी लेनी पड़ रही है।

एमएनसी में काम करने वाले जगमोहन सिंह ने कहा, यह तो ऐसा ही है जैसे घाव पर नमक छिडक़ना। हमें नकदी की कमी के चलते जो परेशानी उठानी पड़ रही है उसे छोड़ भी दें तो, अब सरकार चाह रही है कि हम अपना पूरा समय बैंकों के आगे खड़े-खड़े बिताएं।

रात्रि पाले में काम करने के बाद जगमोहन बैंक ऑफ बड़ौदा की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित शाखा के बाहर कतार में लग गए। जगमोहन ने कहा, एक दिन सीमा बढ़ाई जाती है तो अगले ही दिन उसे घटा दिया जाता है। सरकार जिस मनमाने तरीके से इसे लागू कर रही है वह माफ करने लायक नहीं है।

इसी कतार में लगे स्कूली छात्र आरिब हुसैन ने भी नोटबंदी पर अपना गुस्सा जाहिर किया। हुसैन ने कहा, पुराने नोट बदलवाने के लिए मुझे आज स्कूल छोडऩा पड़ा और जब मैं यहां आया तो मुझे पता लगा कि नोट बदलवाने की सीमा कम कर दी गई है। यह भी कोई तरीका है? क्या सरकार चाहती है कि हम अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़ दें और बैंकों तथा एटीएम के बाहर लाइन में लगे रहें।

फूल बेचने वाले सहदेव गुप्ता ने कहा कि उन्हें अपना धंधा चलाने में बहुत कठिनाई हो रही है, क्योंकि उनसे अधिकतर लोग नकद देकर ही फूल खरीदते हैं, और नकद रुपये इस समय बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं। सहदेव ने कहा, अगर ऐसे ही कुछ दिन और चलता रहा तो मुझे भारी घाटा हो जाएगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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