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नगरोटा हमले के आरोपी जेईएम कमांडरों के संपर्क में थे : एनआईए

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नई दिल्ली/श्रीनगर, 7 जून (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के नगरोटा सैन्य शिविर पर नवंबर, 2016 में हमले के लिए गिरफ्तार तीन युवक नियमित रूप से पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) कमांडर के साथ संपर्क में थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक अधिकारी ने गुरुवार को दिल्ली में कहा, मोहम्मद आशिक बाबा, जेईएम ऑपरेटिव सैयद मुनीर उल हसन कादरी और पुलवामा का लकड़ी डीलर तारीक अहमद डार से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह जेईएम कमांडरों के साथ नियमित रूप से संपर्क में थे।

अधिकारी ने कहा कि वे मुजफ्फराबाद में मौलाना मुफ्ती असगर के साथ व्हाट्स एप और संदेशों के माध्यम से संपर्क में थे। असगर का भतीजा वकास दक्षिण कश्मीर में जेईएम का कमांडर था, जिसे पुलवामा के समीप सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

उन्होंने कहा, वे जम्मू क्षेत्र में आतंकियों को भेजने के जेईएम कमांडर कारी जरार, वसीम और अबू ताल्हा के साथ भी संपर्क में थे।

घाटी में सुरक्षा बलों पर हमलों को व्यवस्थित करने की साजिश से पहले बाबा ने 2015 और 2017 के बीच चार बार वाघा सीमा ‘कानूनी रूप से’ पार कर पाकिस्तान का दौरा किया।

अधिकारी ने कहा, बाबा ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, अब्दुल गनी भट और मौलाना उमर फारूक से संदर्भ पत्र मिलने के बाद पाकिस्तान के लिए वीजा हासिल किया।

अधिकारी ने कहा, बाबा ने जेईएम कमांडरों से मुलाकात की और स्थानीय आईएसआई एजेंट से मंजूरी मिलने के बाद उनसे दिशानिर्देश हासिल किए। इसके बाद बाबा के वापस आने पर आतंकवादी संगठन को कैसे और कब क्या करना है, इसको लेकर निर्देश प्राप्त हुए।

नवंबर, 2016 में नगरोटा सैन्य शिविर पर हुए हमले में सात सैनिक शहीद हुए थे। जवाबी अभियान में तीन हमलावरों को ढेर किया गया था।

अधिकारी ने कहा कि हमले से लगभग एक हफ्ते पहले गिरफ्तार तीनों आरोपियों को सांबा सेक्टर के साथ जीपीएस निर्देशांक और पाकिस्तानी हैंडलरों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से नगरोटा सैन्य शिविर के साथ संभावित लक्ष्य दिए गए थे। उन्हें इन लक्ष्यों की पैमाइश करने के लिए भी कहा गया था, जैसा उन्होंने किया भी।

एनआईए ने दावा किया कि तीनों आरोपियों ने हमले से एक दिन पहले 28 नवंबर, 2016 को तीन अन्य हमलावरों के एक समूह से मुलाकात की थी और डार व बाबा की दो कारों में से एक में हथियार छिपाने के बाद दो वाहनों से जम्मू की यात्रा की थी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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