Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

नगा शांतिवार्ता अंतिम चरण में, चुनाव को लेकर संदेह

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| नगा शांतिवार्ता के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद नगालैंड में सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों और शीर्ष राजनीतिक राजनेताओं का कहना है कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की वजह से मार्च 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तिथि में बदलाव हो सकता है।

कई लोगों ने इस वर्ष के अंत तक छह दशक लंबे चले नगा विवाद के पटाक्षेप की आशा जताई थी। अंतरिम सरकार ने कहा था कि वह राज्य में प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था को सही करने के लिए काम करेगी, जिससे पूरा समाधान निकलने तक सरकार को कुछ राजनीतिक स्वायत्ता मिल सकती है।

नगालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा में सांसद नेफियु रियो ने आईएएनएस को बताया, अगर नगा विवाद का हल विधानसभा चुनाव के पहले होता है तो अंतरिम सरकार को कम समय में काफी काम करने होंगे, क्योंकि समझौते के बाद काफी कुछ होगा और चीजें बदलेंगी। उसके बाद हम आगामी चुनाव के बारे में सोच सकते हैं।

उन्होंने कहा, नगा लोग किसी भी कीमत पर समस्या का सामाधान चाहते हैं और मैंने संसद में बार-बार कहा है कि केंद्र सरकार को वार्ता जारी रखनी चाहिए और इसका समाधान चुनाव से पहले होना चाहिए।

पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एच.एस. ब्रह्मा ने आईएएनएस को बताया, विशेष आग्रह पर राज्य में चुनाव को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है, यह खासकर नगा फ्रेमवर्क समझौते की वजह से संभव है। निर्वाचन आयोग खुद चुनाव को रद्द नहीं कर सकता, जब तक केंद्र और राज्य सरकार की ओर से विशेष अनुरोध न किया जाए। यह प्राय: राष्ट्रीय आपदा एवं कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दे की वजह से हो सकता है। नगालैंड के मामले में, जहां अभी बातचीत जारी है, विधानसभा के कार्यकाल पूरा होने के पहले विशेष अनुरोध करना होगा।

शक्तिशाली नगा होहो और इस्टर्न नगालैंड पीपुल ऑर्गनाइजेशन (इएनपीओ) जैसे सिविल सोसायटी समूहों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर सरकार नगालैंड में एक सौहार्दपूर्ण हल निकालना चाहती है तो यह आगामी विधानसभा के पहले करना होगा।

नगा हो हो के अध्यक्ष चुबा ओजोकुम ने आईएएनएस से कहा, इस समय हम नगालैंड में कोई भी भारतीय चुनाव नहीं चाहते। अभी हाल में ही शांति समझौते के वार्ताकार आर.एन.रवि नगालैंड आए थे। हमने उन्हें स्पष्ट कहा है कि अगर भारत सरकार इस संबंध मे कोई सौहार्दपूर्ण समाधान चाहती है तो यह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले होना चाहिए।

उन्होंने कहा, नागा मुद्दे के सामाधान के बिना विधानसभा चुनाव को रोकने से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

आजोकुम ने कहा, हम शांति समझौतों को हमेशा नहीं चला सकते। 20 वर्षो से चले आ रहे शांति समझौता काफी है। लोग सहज नहीं हैं, हमलोग थक गए हैं। अगर चुनाव से पहले कोई राजनीतिक हल नहीं निकाला गया तो नगा लोग खुद तय करेंगे की उन्हें क्या करना है।

नगा फ्रेमवर्क समझौते पर 3 अगस्त, 2015 को हस्ताक्षर हुए थे। उसके बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होने वाला है।

यह समझौता एनएससीएन के सबसे बड़े और शक्तिशाली धड़े नेशनलिस्ट सोशिलिस्ट कांसिल ऑफ नगालिम (इसाक-मुइवाह) और केंद्र के बीच नगा समस्या का अंतिम सामाधान निकालने के उद्देश्य से किया गया था। पहले नगा समूहों की मांग संप्रभुता से संबंधित थी और बाद में यह मांग मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम के नगा बसावट वाले इलाके को मिलाकर ग्रेटर नगालिम बनाने की हो गई।

ईपीएनओ के अध्यक्ष खोइवांग कोंयाक ने आईएएनएस से कहा, यह समय इंतजार करने और देखने का है, वास्तव में, नगा लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि पहले क्या आता है, समाधान या चुनाव। अगर चुनाव पहले आता है तो हम चुनाव में शामिल होंगे और अगर पहले समाधान निकाला जाता है तो हम इसका समर्थन करेंगे।

Continue Reading

नेशनल

दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

Continue Reading

Trending