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प्रादेशिक

नन्हीं ईशू ने पीएम को लिखा दिल चीर देने वाला खत, दौड़े आए सीएम योगी

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लखनऊ। सहारनपुर के गंगोह इलाके के अलीपुरा गांव की रहने वाली मासूम ईशू के पिता कोमा में थे। पिता की मदद के लिए मासूम ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई थी। उसकी मदद की यह गुहार रंग लाई और यह खबर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंची और उन्होंने मदद के लिए निर्देश दे दिए हैं।

बच्ची के पिता पिछले एक साल से कोमा में हैं। पैसे नहीं होने के कारण शुरुआती इलाज के बाद परिवार उन्हें घर वापस ले आया। कच्चे मकान में रहने वाली एक बच्ची अपने पिता की ये हालत देख नहीं पा रही थी। ऐसे में उसने मदद मांगने की सोची।

ईशू ने पत्र में लिखा कि मेरे पापा एक साल से कोमा में हैं। सडक़ दुर्घटना के वक्त उनके सिर में गहरी चोट लग गई थी। घर में पैसे नहीं होने के कारण उनका सही तरीके से इलाज नहीं करा पा रहे हैं। मैं अपने बीमार पापा, मम्मी और एक साल के छोटे भाई के साथ कच्चे मकान में रहती हूं। आपसे प्रार्थना है कि मेरे पापा का इलाज सरकारी संस्थान में कराएं।

ये है मामला
सहारनपुर के गंगोह थाना क्षेत्र के गांव अलीपुरा निवासी अरुण फोटोग्राफर का काम करता था। करीब एक साल पहले वह थाना मिर्जापुर के एक गांव में फोटोग्राफरी कर बाइक पर वापस लौट रहा था। इसी दौरान एक ट्रैक्टर-ट्राली ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी थी। जिसमें उसे गंभीर चोटें आई थी और वह कोमा में चला गया था। परिवार में अरुण ही इकलौता कमाने वाला शख्स था। दुर्घटना से 15 दिन पहले ही उसकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया था। बेटी इशू उस वक्त 5 साल की थी। अरुण के पिता और भाई मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। एक बहन है जिसकी अभी तक शादी नहीं हुई है।

बीमार पिता के पास हाथ में चिट्ठी पकड़े बैठी ईशू की इस तस्वीर को जिसने भी देखा, उसका दिल पसीज गया। शुक्रवार को ट्विटर पर जब यह चिट्ठी डाली गई, तो पहले यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ट्वीट कर बच्ची की मदद करने का ऐलान किया। उसकी चिट्ठी पर यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भी संज्ञान लिया, जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से तुरंत बच्ची के पिता के लिए अस्पताल में इलाज की व्यवस्था करवाई गई।

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उत्तर प्रदेश

व्यापार मेले में 120 से ज्यादा स्टॉल बता रहे यूपी के विकास की कहानी

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नई दिल्ली | भारत मंडपम में बुधवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश मंडप योगी राज में सर्वांगीण विकास की कहानी बयां कर रहा है। ‘पार्टनर स्टेट’ के रूप में भाग ले रहे यूपी मंडप की थीम विकसित प्रदेश 2047 है, जो “विकसित भारत-2047” की अवधारणा को साकार करेगा।

उत्तर प्रदेश के मंडप में 120 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के उत्कृष्ट स्थानीय एवं पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा हैं। इनमें से बहुत से उत्पादों को भौगोलिक संकेत (GI tag) प्राप्त है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को भी मेले में स्थान दिया गया है, वहीं निर्यातकों को भी प्राथमिकता दी गई है। यूपी मंडप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत (Vocal for local) की अवधारणा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकसित यूपी 2047 के विजन को साकार कर रहा है।
उत्तर प्रदेश मंडप में सूचना एवं पर्यटन विभाग के अतिरिक्त राज्य के स्वामित्व वाली इकाइयां (UPSIDA, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी एवं यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी) भी प्रतिभाग कर रही हैं। उत्तर प्रदेश मंडप के माध्यम से फूड प्रोसिंग, टेक्सटाइल, आईटी, लेदर, हस्तशिल्प मेटल, ओडीओपी निर्यातक इकाइयों के अलावा कई अन्य उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है।

ग्राहकों को लुभा रहे ये उत्पाद

उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगे विभिन्न जिलों के उत्पाद ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं, इनमें कन्नौज के इत्र से लेकर वाराणसी की सिल्क साड़ियां, लखनऊ की चिकनकारी, भदोही का कालीन, झांसी/बांदा की शजर स्टोर ज्वैलरी, बागपत के होम डेकोर, गौतमबुद्धनगर के वस्त्र उत्पाद, अलीगढ़ / मुरादाबाद के मेटल आर्ट वेयर, आगरा का पेठा, सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, हाथरस की हींग, संभल के हैण्डीक्राफ्ट्स उत्पाद शामिल हैं।

कारोबारी ले रहे ओडीओपी गैलरी में दिलचस्पी

उत्तर प्रदेश मंडप में एक वृहद ओडीओपी गैलरी का भी प्रदर्शन किया गया है, जिसमें जनपदों के ओडीओपी उत्पादों का आकर्षक एवं विहंगम प्रर्दशन किया गया है, जिनको देखने के लिए पहले ही दिन बड़ी संख्या में कारोबारी उमड़े।

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