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खेल-कूद

नया स्पोर्ट्स इकोसिस्टम बनाने के लिए बिंद्रा, गोपी ने लांच किया ईएलएमएस फाउंडेशन

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नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और पूर्व ऑल इंग्लैंड ओपन चैम्पियन बैडमिंटन स्टार पुलेगा गोपीचंद ने देश में खेलों को लेकर नया व आधुनिक स्पोर्ट्स इकोसिस्टम तैयार करने के लिए मंगलवार को ईएसएमएस फाउंडेशन की शुरुआत की। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेडकर और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की मौजूदगी में बिंद्रा और गोपीचंद को फाउंडेशन का मेंटॉर घोषित किया गया।

चेन्नयन एफसी की सहमालिक श्रीमति विता दानी, अर्जुन पुरस्कार विजेता टेबल टेनिस खिलाड़ी कमलेश मेहता और श्रीमति मोनालिसा मेहता द्वारा स्थापित गैरलाभकारी-एक्सीलेंस इन लर्निग एंड मास्टरिंग ऑफ स्पोर्ट्स एंड फिजिकल लिटरेसी (ईएसएमएस) फाउंडेशन का उद्देश्य फिजिकल एजुकेशन एक्सपर्ट्स, कोचेज, स्पोर्ट्स एडमिनिस्ट्रेटर्स के साथ मिलकर काम करते हुए ऐसे प्रशिक्षित पेशेवर तैयार करना है, जो हर स्तर पर देश में प्रतिभाशाली एथलीटों को आधुनिक ट्रेनिंग दे सकें।

आईआईएम, त्रिच्चि के बोर्ड ऑफ गवनर्स के चेयरमैन तथा जाने-माने व्यवसायी जलज दानी इस फाउंडेशन के सलाहकार होंगे।

बीजिंग ओलम्पिक में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले बिंद्रा ने ओलम्पिक टास्क फोर्स मीटिंग के दौरान चर्चा में आए कई मुद्दों का खुलासा किया। बिंद्रा ने कहा, खेलों में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए हमें हर खेल में विश्व स्तरीय उच्च ज्ञान वाले निदेशकों और प्रशासकों की जरूरत है। हमारा प्रोग्राम क्लासरूम ट्रेनिंग, डिजिटल लेशंस और इंटर्नशिप का मिश्रण होगा। हम खेल को बेहतर तरीके से समझने के लिए विश्व स्तरीय संस्थानों में खेल प्रशासकों को प्रशिक्षित करेंगे।

हैदराबाद में स्थापित अपनी अकादमी में कई विश्वस्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी तैयार कर चुके राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच गोपीचंद ने कहा, हमारा उद्देश्य भारतीय खेल जगत में आधुनिक सोच लाना है। हम न सिर्फ ग्रासरूट लेवल पर बल्कि उच्च स्तर पर भी खेलों को लेकर स्तर सुधारना चाहते हैं।

गोपीचंद ने माना कि इस तरह की पहल के लिए यह उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा, हमें खेलों को पदक के इतर देखना होगा। हमें खेलों को राष्ट्र विकास के माध्यम से रूप में देखना होगा।

गोपीचंद ने देश में खेल संस्कृति पैदा करने के लिए फिजिकल लिटरेसी और आत्म संदर्भित उत्कृष्ठता पर बल दिया। गोपीचंद ने कहा, इस फिलोसॉफी पर चलने और अपने सभी विचारों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए हमें अपने फिजिकल एजुकेशन शिक्षकों और कोचों को मजबूत करना होगा। हमें उन्हें सही शिक्षा और व्यवस्थित समर्थन देना होगा।

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खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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