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नेशनल

नहीं देखा होगा ऐसा अजीब शख्स, बिना हॉर्न बजाए पिछले 18 सालों से चला रहा गाड़ी

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कोलकाता| देश के पूर्वी महानगर में भीड़ भाड़ वाली सड़कों पर हार्न बजाते वाहन एक शांत क्रांति की ओर इशारा कर रहे हैं। इस बीच दीपक दास नाम का एक चालक ऐसा भी है जो पिछले 18 सालों से बिना हार्न बजाए सड़कों पर मोटरवाहन चला रहा है। दास के नो-हांकिंग की पुष्टि होने के बाद उसे मानुष मेले के दूसरे संस्करण में मानुष सम्मान से नवाजा गया है। लोकप्रिय संगीतकार भी दास की नो-हार्न नीति से प्रभावित हुए।

दास ने आईएएनएस को बताया, “यह समय, गति और रफ्तार का मिश्रण है। अगर आप इन तीनों का सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे तो आपको हार्न बजाने की जरूरत नहीं होगी। बिना हार्न बजाए आप असल में ध्यान केंद्रित कर और सुरिक्षत तरीके से गाड़ी चला सकते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं शहर में या राज्य में कहीं भी गाड़ी चला रहा हूं।”

51 वर्षीय दास की जिंदगी में एक अहम मोड़ 18 साल पहले उस वक्त आया जब वह बैठकर मशहूर बांग्ला कवि जीवनानंद दास द्वारा रचित प्रकृति में शांति का जश्न मनाने की कविता पढ़ रहे थे।

उन्होंने कहा, “मैं दक्षिण कोलकाता के बहुत ही शांत इलाके में हरियाली और पक्षी की आवाजों से घिरा हुआ था। जिबनानंद की कविता शांति, चुप्पी और प्रकृति से घिरे होने के बारे में बताती है। और जब मैं कविता की धुन में खोया हुआ था, अचानक वहां हार्नो की आवाजें मेरे कानों में आने लगीं। इसने मेरे दिवास्वपन को तोड़ दिया।”

उन्होंने कहा, “मेरे पड़ोस में एक स्कूल था जो बंद होने वाला था और वहां कारें और बसें बच्चों को ले जाने के लिए आवेश में हॉर्न बजा रहे थे। तब मुझे अहसास हुआ कि मुझे कुछ करना चाहिए।”

उसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा।

दास ने अपने वाहन पर गर्व से लिखवा रखा है, “हॉर्न एक अवधारणा है। मैं आपके दिल का ध्यान रखता हूं।”

उन्हें आशा है कि एक दिन कोलकाता हॉर्न-मुक्त हो जाएगा।

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नेशनल

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला

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नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.

तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.

क्या है मामला ?

पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.

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