मुख्य समाचार
नासा को काम में सहायता कर रहा अमेजन अलेक्सा
वाशिंगटन, 20 जून (आईएएनएस)| अमेजन की बुद्धिमान वर्चुअल सहायक अलेक्सा का उपयोग आप जहां अपना पसंदीदा गाना गाने में या उबर कैब बुक करने के लिए करते हैं, वहीं अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा आंतरिक आंकड़ों का सैट बनाते समय इसकी सहायता से अपने दैनिक कार्यो को व्यवस्थित करती है।
नासा के जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी (जेपीएल) के आईटी के मुख्य प्रौद्योगिकी और नवाचार अधिकारी टॉम सोडरस्ट्रॉम के अनुसार, एक प्लेटफॉर्म के तौर पर आवाज एक बार फिर बड़ी बात बनेगी, जब हम डिजिटल सहायकों और चैटबोट्स से संवाद करने लगेंगे।
कैलिफोर्निया के पासाडेना स्थित जेपीएल सरकार द्वारा वित्त पोषित एक अनुसंधान और विकास केंद्र है, जिसका प्रबंधन नासा के लिए कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान (केलटेक) द्वारा किया जाता है। जेपीएल प्रमुख रोबोटिक अंतरिक्ष और प्रथ्वी विज्ञान मिशन पर काम करता है।
इस केद्र में फिलहाल लगभग 6,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
सोडरस्ट्रॉम ने यहां आयोजित अमेजन वेब सर्विसिस (एडब्ल्यूएस) के सार्वजनिक क्षेत्र के शिखर सम्मेलन में कहा, अगर आपके घर पर अलेक्सा नियंत्रक अमेजन ईको स्मार्ट स्पीकर है, तो उसे नासा मार्स एप शुरू करने के लिए बोलिए। जब यह पूरा हो जाए तो अलेक्सा को लाल ग्रह के बारे में कुछ भी बोलिए तो वह आपको सही उत्तर देगा।
सोडरस्ट्रॉम के अनुसार, छह प्रौद्योगिकी तरंगों के आम आदमी को प्रभावित करने से पहले ये डेवलपर को प्राथमिक रूप से बेहतर समाधान निकालने के लिए दबाब बनाती है।
नासा-जेपीएल के कार्यकारी ने जोर देकर कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) नौकरियां नहीं छीनेगी, बल्कि यह भविष्य में मानव को मदद करेगी।
उन्होंने कहा, एआई स्वास्थ्य, खुदरा, ई-कॉमर्स और ऑटो तथा परिवहन क्षेत्र को बदलकर रख देगी। जो क्षेत्र एआई को नहीं अपनाएंगे, वे बहुत पीछे छूट जाएंगे।
उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने में एआई से लैस डिजिटल सहायकों की भूमिका प्रमुख है।
उन्होंने कहा, मानव 80 फीसदी प्रभावी होते हैं, मशीनें भी 80 फीसदी प्रभावी होती हैं। अगर आप उन्हें साथ रखते हैं तो वे लगभग 95 फीसदी तक प्रभावी हो जाती हैं।
सोडरस्ट्रॉम ने कहा, अगली प्रौद्योगिकी सुनामी हर जगह बुद्धिमत्ता निर्माण के रूप में आएगी और दुनिया को इससे निपटने के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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