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निकाय चुनाव से पहले सहयोगी दलों ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें

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लखनऊ, 4 नवंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो प्रमुख सहयोगी दलों ने उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राज्य में पूर्ण बुहमत की सरकार बनने के बाद पहली बार किसी बड़े चुनाव का सामना कर रही भाजपा पर निकाय चुनाव में जीत का भारी दबाव है। लेकिन इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के अपना दल और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने कड़ा रुख अख्तियार कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने निकाय चुनाव को देखते हुए दबाव की राजनीति शुरू कर दी है। इसी के तहत राजभर की पार्टी 15वें स्थापना दिवस पर पांच नवम्बर को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में महारैली कर अपनी शक्ति का एहसास कराने के प्रयास में जुटी थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आयोग के निर्देश के बाद अंबेडकर मैदान में होने वाली महारैली स्थगित हो गई है।

भाजपा और ओमप्रकाश राजभर के बीच विवाद की शुरुआत गाजीपुर के जिलाधिकारी के स्थानांतरण को लेकर हुई थी। तब राजभर ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर जिलाधिकारी संजय खत्री की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था उनके कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जा रही है। यदि ऐसा ही रहा तो उन्हें कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बाद में हालांकि जिलाधिकारी का वहां से स्थानांतरण हो गया था।

उस विवाद के बाद अब ओमप्रकाश राजभर ने निकाय चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा पर दबाव बनाया है। राजभर ने कहा, भाजपा प्रभारी सुनील बंसल से उनकी तीन दिन पहले बात हुई है। अगर बात बन जाती है तो बहुत अच्छा। वरना, हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।

इधर, राजभर का मामला अभी थमा भी नहीं था कि भाजपा के एक अन्य सहयोगी दल, अपना दल (सोनेलाल) ने निकाय चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अपना दल भाजपा के उम्मीदवारों का समर्थन भी नहीं करेगा। निकाय चुनाव में अलग राह पकड़ने के बाद भी हालांकि पार्टी ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार में गठबंधन बना रहेगा।

भाजपा सूत्रों के अनुसार, दोनों सहयोगी दलों से निकाय चुनाव में सीटों को लेकर मामला काफी जटिल हो गया था। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से भी पार्टी की कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन इसका हल नहीं निकल पाया। इसके बाद अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने खुद को निकाय चुनाव से अलग करने का फैसला कर लिया।

अपना दल (सोनेलाल) के प्रवक्ता वृजेन्द्र सिंह ने बताया, पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। इस चुनाव में पार्टी किसी को भी समर्थन नहीं करेगी। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपने विवेक से मतदान कर सकते हैं। पार्टी के इस फैसले से केंद्र और राज्य सरकार में गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

इस बीच निकाय चुनाव में सहयोगी दलों के अलग रुख को लेकर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्घार्थनाथ सिंह ने कहा कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, और पार्टी के वरिष्ठ लोग एकसाथ बैठकर इसका हल निकाल लेंगे।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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