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‘निचली अदालत के न्यायाधीश ने आरुषि हत्याकांड को गणित की तरह सुलझाने की कोशिश की’

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इलाहाबाद, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| इलाहबाद उच्च न्यायालय ने आरुषि तलवार हत्या मामले में निचली अदालत के न्यायाधीश को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि न्यायाधीश ने इस मामले में सबूत और परिस्थिति को हल्के में लिया और इसे किसी गणित के शिक्षक या फिल्म निर्देशक की तरह सुलझाने की कोशिश की, और माता-पिता राजेश एवं नुपूर तलवार को दोषी ठहराने के लिए सबूत और तथ्यों का मूल्यांकन कर अपनी कल्पना को ठोस आकार देने की कोशिश की।

इस मामले में गुरुवार को आए फैसले में न्यायमूर्ति बी.के. नारायण की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा, निचली अदालत के न्यायाधीश (गाजियाबाद के विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस. एल यादव) ने अपने तरीके से अनुमान लगाया और स्पष्ट तथ्यों से किनारा करते हुए गलत तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाल लिया।

उन्होंने कहा, यह देखने की परवाह किए बगैर दोषी ठहराना कि यह परिस्थितिजन्य सबूत पर आधारित एक मामला है, चीजों का अपनी धारणाओं से वशीभूत होकर इस तरह से अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

उन्होंने कहा कि वह न्यायमूर्ति नारायण के निष्कर्ष के साथ पूरी तरह सहमत है, जो इस विचार से सहमत थे कि इस मामले के प्रत्येक महत्वपूर्ण पहलू पर गहन चर्चा की जाए और फिर इस पर सभी सहमत हों।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने सबूत और परिस्थितियों को हल्के में लिया और इसे गणित की प्रश्न की तरह सुलझाने की कोशिश की। यह कुछ इस तरह है कि किसी को कोई प्रश्न का हल करने के लिए दिया जाता है और वह इसे सुलझाने के क्रम में किसी चीज को हल्के में लेता है।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि लेकिन मुद्दा यह है कि निचली अदालत का न्यायाधीश किसी गणित शिक्षक की तरह काम नहीं कर सकता, जो कि खास आंकड़ों को हल्के में लेते हुए सादृश्यता के जरिए गणित का कोई सवाल हल कर रहा है।

उन्होंने कहा, सभी आपराधिक सुनवाइयों में सादृश्यता(एनालोजी) को हरहाल में ऑन रिकार्ड मौजूद सबूतों, तथ्यों और परिस्थितियों की सीमा के अंदर होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने भ्रामक सादृश्यता और तर्क के आधार पर घटना का आश्चर्यजनक रूप से मनमाना चित्र तैयार किया कि फ्लैट एल-32 जलवायु विहार के अंदर और बाहर क्या कुछ हुआ और जिस तरह से उन्होंने इस चित्र में रंग भरे, वह अपने आप में सवालों के घेरे में है।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, घटना का पूरी शुरुआत इस तथ्य पर आधारित है कि राजेश तलवार ने अपनी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज को आपत्तिजनक हालत में देखा और उसके बाद निचली अदालत के न्यायाधीश ने किसी फिल्म निर्देशक की तरह बिखरे तथ्यों को जुटा कर अपराध के तह तक पहुंचने का विचार बनाया, लेकिन उन्होंने इसके तर्क में कुछ भी नहीं बताया कि वास्तव में वहां किया हुआ था।

उन्होंने कहा, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने शायद अतिरिक्त उत्साह तथा आवेश में और अपने भावनात्मक विश्वास पर इस मामले को एक मजबूत आकार देने की कोशिश की।

उन्होंने न्यायाधीश को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि न्यायाधीश को इस मामले में साफ-सुथरा और पारदर्शी होना चाहिए था और अपनी कल्पना को अनंत तक खींचने का प्रयास नहीं करना चाहिए था, जिससे पूरी न्याय व्यवस्था का मजाक बना।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि इस तरह के संवेदनशील मामले में न्यायाधीश को अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए थी।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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