मुख्य समाचार
निजी क्षेत्र में सस्ती स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने की जरूरत : डॉ. जैन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएसओ) ने दुनिया में सबको बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लक्ष्य के मद्देनजर इस साल ‘यूनिवर्सल हेल्थ केयर : एवरी वन एवरीव्हेयर’ यानी सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा : हरेक को, हर जगह’ का नारा दिया है। इसका अभिप्राय है यह कि दुनिया में सब जगह सबको जरूरी स्वास्थ्य सेवा की सुविधा मुहैया हो और कोई स्वास्थ्य सेवा से वंचित न हो। मगर, भारत में सरकारी क्षेत्र में जरूरत के मुकाबले पर्याप्त सुविधा नहीं होने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पाती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि स्थिति ऐसी है कि यहां लोगों को कैंसर जैसे गंभीर रोग की शुरुआत में पहचान नहीं होने से समय पर इलाज नहीं हो पाता है। उनका मानना है कि अगर निजी क्षेत्र में इलाज सस्ता हो तो ज्यादा से ज्यादा लोगोंे को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी।
फोर्टिस अस्पताल में लैप्रोस्कॉपिक, जीआई विभाग के निदेशक डॉ. प्रदीप जैन ने विश्व स्वास्थ्य दिवस (सात अप्रैल) पर कहा कि भारत में करीब एक करोड़ लोग कैंसर रोग के कारण भारी कर्ज तले दबकर घोर गरीबी का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल जाकर देख सकता है कि किस तरह कैंसर से पीड़ित मरीज के रिश्तेदार वहां पगडंडियों पर डेरा जमाए रहते हैं क्योंकि उनके पास उतने पैसे नहीं हैं कि वे अपने मरीज को लेकर कहीं किराये के घर में ठहर सकते हैं। वहां पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज दूर-दराज के इलाके से आते हैं क्योंकि वहां इस बीमारी के इलाज की सुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा, अधिकांश मरीज व उनके तीमारदार अपनी सारी जायदाद बेचकर इलाज में खर्च कर देते हैं। कैंसर के इलाज में लोग साहूकारों, मित्रों और रिश्तेदारों से भारी कर्ज ले लेते हैं
उन्होंने कहा, जिस देश में प्रति व्यक्ति आय 42,000 रुपये सालाना है, वहां अधिकांश परिवारों के लिए कैंसर मरीज का इलाज कराना मुश्किल है। सरकार की ओर से कैंसर के इलाज के लिए की गई व्यवस्था जरूरत के हिसाब से कम है।
उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि निजी क्षेत्र में कैंसर का इलाज सस्ता हो ताकि लोगों को वहां बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज से यह संभव होगा। उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा जो अक्सर बीमार पड़ने पर भी चिकित्सकों से सलाह लेने में कतराते हैं। लोग नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएंगे और समय से पहले रोग की पहचान होने पर इलाज संभव होगा।
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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