Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

निर्माण कार्यों पर आईजी जेल की जांच से मचा हड़कंप

Published

on

कमीशन विवाद, जेलों के निर्माण कार्य, हटाये गये नजारत प्रभारी, महानिरीक्षक कारागार, कारागार मुख्यालय,

Loading

पहले नजारत प्रभारी के बाद अब अधिशासी अभियंता को हटाने की तैयारी
आईजी जेल की कार्य प्रणाली से अफसरों मे मची खलबली
राकेश यादव

लखनऊ। नजारत के बाद अब आईजी जेल की निगाह जेलों के निर्माण कार्य पर पड़ गयी है। कमीशन में तालमेल न होने के कारण विभाग के मुखिया ने पहले कारागार मुख्यालय में तैनात शोध अधिकारी एवं प्रभारी अत्याधुनीकिकरण (नजारत) को हटाया और अब प्रदेश की जेलों हो रहे निर्माण कार्यों में अपने चहेते को लाभ पहुंचाने के लिए निर्माण सेल के अधिशासी अभियंता को हटाये जाने की कवायद चल रही है। करीब 15 साल से निर्माण का कार्य देख रहे अधिशासी अभियंता को विभाग के मुखिया आईजी जेल ने लापरवाह बताते हुए इन्हें शासन से निलम्बित करने की संस्तुति है। आईजी जेल के इस गोपनीय पत्र से विभागीय अधिकारियों  में हड़कंप मचा हुआ है। इसको देखकर तमाम तरह की अटकलें लगायी जा रही है।

प्रदेश की जेलो मे अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिये मोबाइल जैमर, सीसीटीवी, मैटर डिटेक्टर, वाकी-टाकी, सरीखे अत्याधुनिक उपकरण खरीदने की जिम्मेदारी नजारत अनुभाग की होती है। पिछले करीब 20 साल से यह काम विभाग के एक शोध अधिकारी को सौपा गया है। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनो सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देकर जेलो मे सीसीटीवी लगाये जाने की बात कही। इस निर्देश के बाद हरकत मे आये प्रदेश के कारागार विभाग ने इसकी कागजी खानापूर्ति प्रारम्भ की।

नजारत विभाग के प्रभारी षोध अधिकारी ने इस कवायद मे पूर्व मे जेलो मे लगाने के लिये सीसीटीवी की आपूर्ति करने वाली कम्पनी से सम्पर्क साधा। महगाई का ग्राफ बढने से कम्पनी के प्रतिनिधियों ने रेटों के दामों मे इजाफा होने की बात कही। इस प्रक्रिया की वजह से कमीशन कम होने की बात सामने आयी। प्रभारी शोध अधिकारी ने जब इस बात की जानकारी विभाग के मुखिया आईजी जेल को दी तो वह भड़क गये। इस घटना के चंद दिनों बाद ही आईजी जेल ने आनन फानन मे नजारत अनुभाग के प्रभारी एवं शोध अधिकारी के.बी जोशी को पद से हटाये जाने का फरमान जारी कर दिया। आईजी जेल के एकाएक लिये गये इस निर्णय से कारागार मुख्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों मे अफरा-तफरी मच गयी। सूत्रों बताते है कि अभी इस मामले का पटाक्षेप हो न पाया था कि आईजी जेल ने जेलों में हो रहे निर्माण कार्यों में अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यालय निर्माण इकाई के प्रभारी अधिषासी अभियंता हीरा प्रसाद पर दबाव बनाना षुरू कर दिया। अधिषासी अभियंता के दबाव नहीं मानने पर आईजी जेल ने षासन को पत्र भेजकर इन्हें निलम्बित करने की संस्तुति की है। आईजी जेल ने हटाये गये नजारत अनुभाग के शोध अधिकारी की जिम्मेदारी गोरखपुर परिक्षेत्र के डीआईजी जेल एवं डीआईजी मुख्यालय का प्रभार देख रहे डीआईजी आर.पी. सिंह को सौंप दी। जानकारों का कहना है कि दो स्थानों पर डीआईजी का प्रभार देख रहे एक अधिकारी को नजारत अनुभाग के साथ निर्माण कार्य का जिम्मा भी सौंपने की तैयारी है।  आईजी जेल की कार्य प्रणाली पर सवाल खडे कर दिये है। उधर इस बाबत जब महानिरक्षक कारागार देवेन्द्र सिंह चैहान से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नही उठाया।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

By

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending