मुख्य समाचार
नीतीश को मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए : उपेंद्र कुशवाहा
पटना, 25 जुलाई (आईएएनएस)| राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार करीब 15 वर्ष से मुख्यमंत्री के पद पर हैं, अब उन्हें खुद ही इस पद को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश ने 15 साल तक बिहार की सेवा की, अब के किसी और व्यक्ति को मौका देना चाहिए। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने यहां एक क्षेत्रीय न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा, मैं राजनीति के तौर पर यह नहीं कह रहा हूं। नीतीशजी हमारे भी नेता रहे हैं। बिहार की जनता ने उन्हें लगभग 15 साल मौका दिया है। मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि नीतीश कुमार को खुद पद छोड़ देना चाहिए और बिहार में किसी और को मौका देना चाहिए और उन्हें बड़ी राजनीति करनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, उन्होंने (नीतीश) ने 15 साल तक यहां की जनता की सेवा की है। 15 वर्ष कोई कम समय नहीं होता है। आखिर नेता मौका क्यों मांगता है। मौका इसलिए मांगता है, ताकि वह अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सके। मैं उनके व्यक्तित्व को जानता हूं। मुझे लगता है कि वो खुद कहेंगे कि वो अगले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे।
उल्लेखनीय है कि इससे कुछ दिन पहले रालोसपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नागमणि ने अगले विधानसभा चुनाव में कुशवाहा को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया था। इसके बाद राजग में शमिल जद (यू) और रालोसपा आमने-सामने आ गए थे। कुशवाहा के इस बयान के बाद भी तय है कि राजग के इन दो घटक दलों के बीच आंतरिक बयानबाजी का दौर शुरू होगा।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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