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नीतू आत्महत्या मामला : पुलिस पर भारी पड़ सकती है ‘गोपनीयता की चादर’!

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बांदा, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के कमासिन थाना परिसर में चार सितंबर को महिला सिपाही की कथित आत्महत्या का मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। सुसाइड नोट में अमानवीय उत्पीड़न के आरोपी चार सिपाहियों पर कार्रवाई न होने से नाराज कई फेसबुक यूजर्स सड़क पर उतरने की चेतावनी दे चुके हैं। दूसरी तरफ पुलिस के अधिकारी ‘गोपनीयता की चादर’ ओढ़ कर कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक एस. आनंद पहले ही कह चुके हैं कि मामले की सूचना डीजीपी कार्यालय और गृह विभाग को दी जा चुकी है और जांच सीओ सदर को सौंपी गई है। वे खुद गोपनीयता की दुहाई देकर ज्यादा कुछ बताने से कतरा गए हैं। जबकि मृत सिपाही नीतू का भाई हरिओम शुक्ला और उपनिरीक्षक पिता अनिल कुमार पहले ही आत्महत्या को संदिग्ध बता चुके हैं।

शनिवार को मृत सिपाही के भाई हरिओम ने फोन पर बताया कि उसकी बहन के शव के बालों और मुंह में ताजी दलिया लगी थी, साथ ही रसोई में दलिया बिखरी पड़ी थी। इतना ही नहीं, जिस पंखे के हुक से शव लटका मिला है, उसे फर्श से बड़ी आसानी से छुआ जा सकता है।

भाई और पिता के आरोपों को माना जाए तो थाने में तैनात चार सिपाही सोशल मीडिया में कोई वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर अमानवीय उत्पीड़न कर रहे थे, जिन्हें पुलिस महकमा बचाने में लगा है। मृत सिपाही के पिता ने शनिवार को यहां तक कहा कि बांदा में किए गए पोस्टमॉर्टम से वह संतुष्ट नहीं हैं, दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया जाना चाहिए।

कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेता सीमा खान ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कहा है, हम इंसाफ दिलाएंगे और नीतू की लड़ाई लड़ेंगे।

फेसबुक यूजर धीरज कुमार द्विवेदी ने अपनी टिप्पणी में कहा है, नीतू हम शमिंर्दा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं। या फिर सड़क पर उतरना पड़ेगा?

एक अन्य फेसबुक यूजर रितेश त्रिपाठी ने कहा है, मीडिया का सहयोग अपेक्षित है। जनांदोलन खड़ा करने की कोशिश की जाएगी, ताकि मृत बहन की आत्मा को न्याय मिल सके। इसके अलावा भी सोशल मीडिया के कई यूजर्स ने भी इस घटना पर टिप्पणियां की है।

पुलिस के आला अधिकारी महिला सिपाही की संदिग्ध मौत पर भले ही ‘गोपनीयता की चादर’ ओढ़े हों, लेकिन जिस तरह से यह मामला सोशल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है, उससे तो यही लगता है कि अगर शीघ्र इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो जनाक्रोश के चलते पुलिस पर उसकी गोपनीयता की चादर भारी पड़ सकती है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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