अन्तर्राष्ट्रीय
नेपाल को पुनर्निर्माण के लिए 1 अरब डॉलर देगा भारत
काठमांडू | भारत अपने पड़ोसी देश नेपाल को भूकंप की त्रासदी से उबरने और पुनर्निर्माण कार्यो के लिए एक अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि पुनर्निर्माण के बाद आत्मविश्वास से भरा एक नया नेपाल उभरकर सामने आएगा। सुषमा ने यह घोषणा यहां नेपाल में पुनर्निर्माण को लेकर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय दानदाताओं के सम्मेलन में की। भारत की ओर से मिलने वाली इस सहायता राशि से नेपाल में बुनियादी संरचनाओं और कुछ प्रमुख धरोहरों का निर्माण किया जाएगा। नेपाल ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से करीब सात अरब डॉलर की सहायता मांगी है।
नेपाल में इस साल 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में 8,500 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि बड़े पैमाने पर घरों और संपत्ति का नुकसान हुआ। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 मापी गई थी। नेपाल में इसके बाद भी भूकंप के कई छोटे झटके महसूस किए गए। सम्मेलन में सुषमा ने कहा, “नेपाल अकेला नहीं है। मैं आपको भरोसा दिलाती हूं कि भारत सरकार तथा भारत के 1.25 अरब लोग इस संकटपूर्ण समय में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।” नेपाल में भूकंप के बाद भारत की ओर से चलाए गए राहत अभियान के बारे में सुषमा ने कहा, “ऑपरेशन मैत्री विदेशों में किसी भी आपदा से निपटने के लिए चलाए गए हमारे अब तक के अभियानों में सबसे बड़ा है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है कि राहत अभियान भारत की ओर से किसी भी देश में आपात परिस्थतियों के बाद चलाया गया सबसे बड़ा अभियान है, बल्कि भारत की जनता द्वारा अपने नेपाली भाइयों और बहनों के लिए महसूस की गई संवेदना और उसके बाद उठाए गए कदम महत्वपूर्ण हैं।” पुनर्निर्माण के लिए नेपाल की ओर से की जा रही कोशिशों की सराहना करते हुए सुषमा ने कहा, “भारत सबसे पुराने और करीबी मित्र के रूप में नेपाल के साथ हमेशा खड़ा रहेगा। पुनर्निर्माण के बाद आत्मविश्वास से भरपूर नेपाल उभरेगा।” उन्होंने हालांकि इतनी बड़ी राशि एकत्र करने को एक चुनौतीपूर्ण काम बताया।
सुषमा ने भारत और नेपाल के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, “हम कई अन्य क्षेत्रों में साथ मिलकर काम कर सकते हैं, जहां हमारी विशेषज्ञता और नेपाल की आवश्यकता एक-दूसरे के अनुरूप हो सकती है। इनमें कृषि, आवास, सड़क एवं परिवहन, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, सांस्कृतिक धरोहर तथा आपदा के खतरों को कम करने जैसे क्षेत्र शामिल हैं।” सम्मेलन में शिरकत करने वाले अन्य विदेशी प्रतिनिधियों ने भी नेपाल में पुनर्निर्माण कार्यो के लिए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। ‘हिमालयन टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस सम्मेलन में 60 देशों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का आयोजन नेपाल सरकार द्वारा पुनर्निर्माण कार्यो के लिए अंतर्राष्ट्रीय मदद जुटाने के उद्देश्य से किया गया। इसका उद्घाटन नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने किया।
चीन के विदेश मंत्री ने भी नेपाल को मदद की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनका देश नेपाल को वर्ष 2018 तक 48.3 करोड़ डॉलर की मदद देगा।
जापान ने नेपाल को 26 करोड़ देने का वादा किया। नार्वे के विदेश मंत्री बॉर्ज ब्रेंडे ने नेपाल को करीब 2.5 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की।
वहीं, नेपाल में अमेरिका के राजदूत पीटर डब्ल्यू. बोडे ने इस हिमालयी देश को 13 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की। एशियाई विकास बैंक ने नेपाल को 60 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की, जबकि यूरोपीय संघ ने नेपाल को करीब 11.1 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून तथा विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने सम्मेलन के लिए अपने वीडियो संदेश भेजे। उन्होंने नेपाल को अपनी ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। विश्व बैंक ने नेपाल को ग्रामीण क्षेत्रों में मकान बनाने के लिए 20 करोड़ डॉलर और वित्तीय क्षेत्र की मदद के लिए 10 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की है।
अन्तर्राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात
ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।
Glad to have met Prime Minister Giorgia Meloni on the sidelines of the Rio de Janeiro G20 Summit. Our talks centred around deepening ties in defence, security, trade and technology. We also talked about how to boost cooperation in culture, education and other such areas.… pic.twitter.com/BOUbBMeEov
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2024
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