Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल : नए संविधान को लेकर संघर्ष, कई सांसद घायल

Published

on

Loading

काठमांडू| नेपाल में संविधानसभा के एक दर्जन से अधिक सदस्य मंगलवार को उस समय घायल हो गए, जब सदन में विपक्षी सदस्यों ने सत्ताधारी दलों के सांसदों पर नए संविधान को लेकर हमला कर दिया और संसद की कार्यवाही बाधित कर दी। युनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (यूसीपीएन-माओवादी) के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार की बैठक के दौरान नेपाल की संविधान सभा में तोड़फोड़ की और सत्ताधारी गठबंधन के सांसदों पर हमला कर दिया। नया संविधान तैयार करने को लेकर तय 22 जनवरी की समय सीमा करीब आ पहुंची है। इसके पहले नए संविधान को लेकर कई बार सहमति नहीं बन पाई है।

सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्‍सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) नए संविधान के मसौदे को मतदान के जरिए आगे बढ़ाना चाहती है।संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र नेमबांग ने सदन में घोषणा की कि संविधान के मसौदे के लिए सदन में मतदान कराया जा सकता है। इस घोषणा के साथ ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। नेमबांग ने पूर्व प्रधानमंत्री और यूसीपीएएन-माओवादी के नेता बाबूराम भट्टाराई को सदन को संबोधित करने की अनुमति दे दी।

भट्टाराई ने कहा कि सदन महाभारत में बदल सकता है, और संघर्ष भड़क सकता है। उन्होंने जैसे ही अपना भाषण समाप्त किया, नेमबांग ने एक प्रश्नोत्तरी समिति के गठन की अनुमति देने का एक प्रस्ताव पेश किया। यह समिति मतदान से पहले नए संविधान के विवादित मुद्दों पर काम करेगी। विपक्षी दलों ने नेमबांग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। भट्टराई ने कहा, “प्रश्नोत्तरी समिति के गठन से संविधान सभा बंट जाएगी, और इससे भंग होने का रास्ता साफ हो जाएगा।” नेपाल में दलों के बीच टकराव के बाद प्रथम संविधान सभा भी 2012 में भंग कर दी गई थी, और संविधान निर्माण नहीं हो पाया था।

विपक्षी सदस्यों ने सदन में चिल्लाना शुरू कर दिया और सीटें तोड़ दी। उन्होंने नेमबांग के आसन तक पहुंचने के लिए घेरा भी तोड़ने की कोशिश की। हाथापाई के बीच सीपीएन-यूएमएल के प्रमुख के.पी. शर्मा ओली, और सीपीएन-यूएमएल के उपाध्यक्ष विद्या भंडारी को चोटें आई हैं। ओली ने कहा, “माओवादियों ने अपना असली रंग दिखाया है।” संघर्ष के बाद नेमबांग ने कहा, “यह एक निंदनीय घटना है। इसे माफ नहीं किया जा सकता।” विवादास्पद मुद्दों पर मतदभेद दूर करने का दावा करने वाली प्रमुख पार्टियां कोई ठोस प्रस्ताव पेश नहीं कर पाई हैं। यद्यपि शीर्ष नेता सोमवार को पूरे दिन बैठकों में व्यस्त रहे। सत्ताधारी दलों ने एक सर्वदलीय बैठक में विभिन्न विकल्प पेश किए, जिसमें संघवाद का मुद्दा छोड़ने और न्यायपालिका, चुनाव प्रणाली व सरकार सुधार से संबंधित मसौदा समिति के मुद्दों को आगे बढ़ाने जैसे सुझाव शामिल रहे।

सीपीएन-यूएमएल के उपाध्यक्ष भीम रावल ने कहा, “लेकिन माओवादियों और उनके समर्थकों को यह विचार नहीं भाया। हमने सुझाव दिया कि नेमबांग को नियमानुसार काम करने की छूट हो।” विपक्षी नेताओं ने कहा कि सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल उन्हें दो दिन की मोहलत तक देने को तैयार नहीं हुए कि उनके द्वारा सुझाए गए विकल्पों पर चर्चा की जा सके।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

Published

on

Loading

ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

Continue Reading

Trending