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अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल : नए संविधान को लेकर संघर्ष, कई सांसद घायल

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काठमांडू| नेपाल में संविधानसभा के एक दर्जन से अधिक सदस्य मंगलवार को उस समय घायल हो गए, जब सदन में विपक्षी सदस्यों ने सत्ताधारी दलों के सांसदों पर नए संविधान को लेकर हमला कर दिया और संसद की कार्यवाही बाधित कर दी। युनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (यूसीपीएन-माओवादी) के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार की बैठक के दौरान नेपाल की संविधान सभा में तोड़फोड़ की और सत्ताधारी गठबंधन के सांसदों पर हमला कर दिया। नया संविधान तैयार करने को लेकर तय 22 जनवरी की समय सीमा करीब आ पहुंची है। इसके पहले नए संविधान को लेकर कई बार सहमति नहीं बन पाई है।

सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्‍सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) नए संविधान के मसौदे को मतदान के जरिए आगे बढ़ाना चाहती है।संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र नेमबांग ने सदन में घोषणा की कि संविधान के मसौदे के लिए सदन में मतदान कराया जा सकता है। इस घोषणा के साथ ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। नेमबांग ने पूर्व प्रधानमंत्री और यूसीपीएएन-माओवादी के नेता बाबूराम भट्टाराई को सदन को संबोधित करने की अनुमति दे दी।

भट्टाराई ने कहा कि सदन महाभारत में बदल सकता है, और संघर्ष भड़क सकता है। उन्होंने जैसे ही अपना भाषण समाप्त किया, नेमबांग ने एक प्रश्नोत्तरी समिति के गठन की अनुमति देने का एक प्रस्ताव पेश किया। यह समिति मतदान से पहले नए संविधान के विवादित मुद्दों पर काम करेगी। विपक्षी दलों ने नेमबांग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। भट्टराई ने कहा, “प्रश्नोत्तरी समिति के गठन से संविधान सभा बंट जाएगी, और इससे भंग होने का रास्ता साफ हो जाएगा।” नेपाल में दलों के बीच टकराव के बाद प्रथम संविधान सभा भी 2012 में भंग कर दी गई थी, और संविधान निर्माण नहीं हो पाया था।

विपक्षी सदस्यों ने सदन में चिल्लाना शुरू कर दिया और सीटें तोड़ दी। उन्होंने नेमबांग के आसन तक पहुंचने के लिए घेरा भी तोड़ने की कोशिश की। हाथापाई के बीच सीपीएन-यूएमएल के प्रमुख के.पी. शर्मा ओली, और सीपीएन-यूएमएल के उपाध्यक्ष विद्या भंडारी को चोटें आई हैं। ओली ने कहा, “माओवादियों ने अपना असली रंग दिखाया है।” संघर्ष के बाद नेमबांग ने कहा, “यह एक निंदनीय घटना है। इसे माफ नहीं किया जा सकता।” विवादास्पद मुद्दों पर मतदभेद दूर करने का दावा करने वाली प्रमुख पार्टियां कोई ठोस प्रस्ताव पेश नहीं कर पाई हैं। यद्यपि शीर्ष नेता सोमवार को पूरे दिन बैठकों में व्यस्त रहे। सत्ताधारी दलों ने एक सर्वदलीय बैठक में विभिन्न विकल्प पेश किए, जिसमें संघवाद का मुद्दा छोड़ने और न्यायपालिका, चुनाव प्रणाली व सरकार सुधार से संबंधित मसौदा समिति के मुद्दों को आगे बढ़ाने जैसे सुझाव शामिल रहे।

सीपीएन-यूएमएल के उपाध्यक्ष भीम रावल ने कहा, “लेकिन माओवादियों और उनके समर्थकों को यह विचार नहीं भाया। हमने सुझाव दिया कि नेमबांग को नियमानुसार काम करने की छूट हो।” विपक्षी नेताओं ने कहा कि सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल उन्हें दो दिन की मोहलत तक देने को तैयार नहीं हुए कि उनके द्वारा सुझाए गए विकल्पों पर चर्चा की जा सके।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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