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अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल में विद्यार्थियों ने प्रार्थना करते गुजारे 15 दिन

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मोहित दुबे

तानाहुन (नेपाल)। नेपाल में संस्कृत की शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों के एक छोटे से समूह को 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के बाद के भयावह 15 दिन प्रार्थना करते हुए गुजारने पड़े।

यहां 10 से 15 वर्ष की आयु के इन विद्यार्थियों पूरा पखवाड़ा अपने छात्रावास में गुजारा। छात्रावास के ठीक सामने स्कूल की तीन मंजिली इमारत भूकंप में नींव तक बुरी तरह हिल गई है और इमारत के साथ-साथ भूकंप ने इन बच्चों के मन पर भी गहरा असर छोड़ा है। इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल की सीढ़ियां इमारत के मुख्य चार स्तंभों वाले आधार से अलग हो गई हैं, जो 25 अप्रैल को आए भूकंप का भयावहता बयां करती हैं।

परमानंद संस्कृत गुरुकुल विद्यापीठ एक न्यास द्वारा संचालित स्कूल है, जो कक्षा चार से परास्नातक तक संस्कृत की शिक्षा प्रदान करता है। स्कूल में सभा पाठ्यक्रमों को मिलाकर कुल 195 विद्यार्थी थे लेकिन अब सिर्फ दर्जन भर विद्यार्थी रह गए हैं, क्योंकि या तो उनके घर वहां से काफी दूर हैं या उनका हाल-चाल लेने कोई आया ही नहीं। केसरिया पगड़ी बांधे संस्कृत में मंत्रोच्चार करते ये नन्हें विद्यार्थी अब स्कूल के फिर से खुलने का इंतजार कर रहे हैं, हालांकि अब स्कूल अगले कई महीनों तक शुरू होने की हालत में नहीं है।

स्कूल के अधिकांश कर्मचारी जहां भूकंप के दौरान वहां से भाग गए, वहीं खुले आकाश में अनौपचारिक तौर पर शिक्षा लेने वाले कुछ अन्य बच्चों के साथ ये विद्यार्थी वहीं रह गए। स्कूल के प्रबंधक टांका भूसाल ने बताया कि छात्रावास की इमारत तो पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन विद्यालय की इमारत को गिराना पड़ेगा। सरकार से आर्थिक मदद की आस लगाए भूसाल ने बताया कि सरकारी महकमा अब तक यहां नहीं पहुंचा है, उसके बाद ही हम विचार कर पाएंगे कि क्या किया जा सकता है।

स्कूल के अधिकारियों को आशंका है कि यदि सरकार की ओर से जल्द ही उन्हें आर्थिक मदद मुहैया नहीं कराई गई तो नया सत्र शुरू होने में कई महीनों का विलंब हो सकता है। भूकंप की त्रासदी आने के बाद से स्कूल के 22 अध्यापकों में से अधिकांश जा चुके हैं और स्थिति सामान्य होने तक यहां नहीं लौटना चाहते। कक्षा नौ के विद्यार्थी संगम बालश्याल अभी भी 25 अप्रैल की घटना सोचकर कांप उठते हैं। संगम ने कहा, “वह बहुत ही डरावना दिन था। पूरी इमारत..पूरी धरती सबकुछ हिल रहा था।”

अन्तर्राष्ट्रीय

हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे लगभग 250 रॉकेट, 7 लोग घायल

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बेरूत। हिजबुल्लाह ने एक बार फिर इजरायल पर बड़ा हमला किया है। रविवार को हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगभग 250 रॉकेट और अन्य हथियारों से हमला किया। इस हमले में कम से कम सात लोग घायल हो गए है। हिजबुल्लाह का यह हमला पिछले कई महीनों में किया गया सबसे भीषण हमला है, क्योंकि कुछ रॉकेट इजरायल के मध्य में स्थित तेल अवीव इलाके तक पहुंच गए।

इजराइल की ‘मैगन डेविड एडोम’ बचाव सेवा ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह द्वारा इजराइल पर दागे गए हमलों में घायल हुए सात लोगों का इलाज किया. युद्ध विराम के लिए वार्ताकारों की ओर से दबाव बनाए जाने के बीच हिजबुल्लाह ने ये हमले बेरूत में घातक इजराइली हमले के जवाब में किये

सेना का अभियान चरमपंथियों के खिलाफ

इसी बीच लेबनान की सेना ने कहा कि इजराइल के हमले में रविवार को लेबनान के एक सैनिक की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए. इस घटना पर इजराइल की सेना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला हिजबुल्लाह के विरुद्ध युद्ध क्षेत्र में किया गया और सेना का अभियान केवल चरमपंथियों के खिलाफ हैं.

 

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