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नेशनल

नेपाल में हिंसा पर भारत ने चिंता जताई

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नई दिल्ली। नए संविधान की तैयारी में जुटे नेपाल के कई हिस्सों में हो रहे प्रतिरोध और तनाव पर, भारत ने चिंता व्यक्त की है और राजनैतिक दलों से नरमी बरतने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि सोमवार को नेपाल के सांसदों ने नए संविधान के मसौदे में बदलाव कर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग के खिलाफ मतदान किया था, जिसके बाद काठमांडू में हिंसा भड़क उठी।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक वक्तव्य में कहा, “भीषण हिंसा ने नेपाल की आत्मा को हिला दिया है। पीड़ित चाहे नेपाल के नागरिक हों या सरकारी अधिकारी, सभी घटनाओं में बहने वाला खून नेपालियों का ही था। नेपाल पहले ही भूकंप की त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहा है, इस स्थिति में ऐसी घटनाएं दुनिया के किसी भी देश के लिए दुखद हैं।”

सुषमा ने कहा, “भारत सभी राजनैतिक दलों से नरमी बरतने का आग्रह करता है, ताकि किसी भी मुद्दे को हिंसा मुक्त माहौल में आपसी बातचीत और सहमति से निपटाया जा सके। ऐसा संविधान जिसमें नेपाली समाज के हर क्षेत्र और प्रांत के निवासियों की भागीदारी हो, एक शांतिपूर्ण और स्थायी नेपाल की नींव रखेगा और नेपाल के उज्जवल भविष्य को उजागर करेगा।”

सुषमा ने कहा, “नेपाल की राजनैतिक पार्टियों, संगठनों और बुद्धिजीवियों ने संकट के समय हमेशा परिपक्वता और दूरदृष्टि दशाई है। उनके निरंतर नेतृत्व और समझदारी से ही नेपाल वर्तमान समस्याओं से निपट सकता है। आधुनिक नेपाल के निर्माण के लिए एक स्थिर और लचीले संविधान की जरूरत है। हम आशा करते हैं कि नेपाल के नेता इसकी पुरजोर कोशिश करेंगे।” 

सुषमा ने कहा, “भारत, नेपाल की सरकार और नागरिकों से सौहार्दपूर्ण संबंध को मजबूत करने के लिए समर्पित है और वह शांति, स्थिरता और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए नेपाल के नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप हर संभव सहायता देता रहेगा।”

मुख्य राजनैतिक दलों द्वारा देश को सात प्रांतों में विभाजित करने के करार के 15 अगस्त को सफल होने के बाद से दक्षिणी नेपाल में हिंसा की वारदातें शुरू हो गई। इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में कई मौतें हो गई थीं। 

संविधान सभा में तीन मुख्य दलों नेपाल कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और यूसीपीएन-माओवादी की कुल मिलाकर 475 सीटें हैं जो कि नए संविधान के लिए जरूरी दो-तिहाई (399) मतों से अधिक हैं। संविधान सभा के 601 सदस्यों के 598 वैध सदस्यों में से केवल 538 ही संविधान के लिए मतदान प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं। मुख्य राजनैतिक दलों द्वारा प्रस्तावित सात प्रांतों वाले मॉडल का विरोध कर रही मधेसी पार्टियों के 60 सदस्य इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। 

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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