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नेहरू की विरासत आज अधिक प्रासंगिक : राहुल

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नई दिल्ली| मोदी सरकार पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि देश में पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने की कोशिश की जा रही है, ऐसी कोशिशों को तुरंत रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अतीत की तुलना में यह आज अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की 125वीं जयंती के मौके पर यहां आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में राहुल ने कहा, “नेहरू एक प्राचीन विचार हैं, लेकिन वह जीवंत भारत का एक हिस्सा भी हैं। उनके विचार और उनकी राजनीति यहां आज ज्यादा मौजूद हैं।”

राहुल यहां पर दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में बोल रहे थे। इस सम्मेलन में 20 देशों के प्रतिनिधियों और 29 राजनीतिक पाíटयों ने शिरकत की।  उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि देश के लोग इस शांतिपूर्ण भारत को, नेहरू के भारत को, एक ऐसे भारत को बचाएं, जो धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु है।” राहुल ने कहा, “यह विरासत, जिसने किसी महिला या पुरुष की आवाज नहीं दबने दी और जिसके संरक्षण के लिए हम लगभग 70 सालों से संघर्ष कर रहे हैं, आज वह विरासत पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए कहा, “कुछ लोग नेहरू की विरासत को देश से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।” कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि नेहरू विचार पुरुष थे न कि विचारक। उन्होंने कभी किसी पर अपने विचार नहीं थोपे। उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जहां लोकतांत्रिक सिद्धांत गहराई से पोषित हैं। नेहरू ने इन लोकतांत्रिक आदर्शो को विकसित और सुरक्षित किया है। इसीलिए आज भारत एक ऐसा देश है जहां आबादी का छठा हिस्सा शांतिपूर्ण माहौल में रहता है।”

उन्होंने कहा कि नेहरू का संघर्ष पूरी मानवजाति के लिए था। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, “नेहरू भारत में रच-बस गए और भारत नेहरू में। नेहरू ने विपक्ष को हमेशा तरजीह दी और देश के निर्माण में भी उन्हें भागीदार बनाया।” गांधी ने कहा, ” नेहरू ने उनके अधिकारों का भी बचाव किया जो उनसे सहमत नहीं रहते थे।”  उन्होंने कहा कि सच्चा लोकतांत्रीकरण केवल मताधिकार से नहीं होता बल्कि कमजोर का सशक्तिकरण भी जरूरी है। राहुल गांधी ने कहा, “लोकतंत्र आस्था का आचरण है। यह कोई भौतिक प्रक्रिया नहीं है जो हर पांच साल में घटती है। अपने पहले प्रधानमंत्री के कारण भारत अपने कानून के शासन के साथ उदार लोकतंत्र बना, स्वतंत्र न्यायपालिका मिली और प्रेस को भी आजादी मिली है।

राहुल ने कहा कि भारत में लगभग तीस लाख स्थानीय प्रतिनिधि हैं जिनमें से आधी महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि नेहरू की तैयारियों ने भारत को अपनी नियति खुद तय करने की स्वतंत्रता दी। इसीलिए भारत को आज जहां खड़ा होना चाहिए था वहां खड़ा है। उन्होंने कहा कि यूरोप में लोकतांत्रिक व्यवस्था लाने के लिए दो विश्व युद्ध हुए पर भारत में अहिंसा से लोकतंत्र कायम हुआ।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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