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नोटों के आकार में भिन्नता पर राज्यसभा दिनभर के लिए स्थगित

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नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)| समान मूल्य के नोटों के आकार में भिन्नता के मुद्दे पर बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद बार-बार बाधित हुई, और अंत में कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। भोजनावकाश के बाद अपराह्न् दो बजे राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने 500 रुपये मूल्य के नोटों के अलग-अलग आकार का मुद्दा उठाया। उन्होंने मंगलवार को भी यह मुद्दा उठाया था।

उन्होंने कहा, मेरे पास 500 रुपये के कुछ नोट हैं। एक का आकार 151.5 मिमी है, दूसरा 152 मिमी है, तीसरा 150.5 मिमी है और एक और नोट है, जो 153 मिमी का है। मैं जानता चाहता हूं कि वे कौन-सी मशीनें हैं, जहां ये नोट छापे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, नोटों की छपाई बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से की जाती है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। आप किसी भी लोकतांत्रिक देश में डॉलर या यूरो या किसी भी मुद्रा के आकार में ऐसी विभिन्नता नहीं पाएंगे।

उन्होंने कहा, देश में केवल चार प्रिंटिंग मशीनें हैं तो कौन-सी प्रिटिंग मशीन यह नोट प्रिंट कर रही है, जो आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के अनुसार नोट नहीं छाप रही है।

हालांकि उपसभापति पी. जे. कुरियन ने सिब्बल के नियम 267 के तहत बहस कराने के नोटिस को नामंजूर कर दिया, जिसके तहत सदन की पूर्वनिर्धारित कार्यवाही को रोककर किसी मुद्दे पर बहस कराई जा सकती है।

इसके बाद कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास जाकर नारेबाजी करने लगे। उसके बाद अध्यक्ष ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

लेकिन उसके बाद जब सदन की कार्रवाही दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेसी सांसद दोबारा विरोध करने लगे और मुद्दे पर बहस की मांग करने लगे।

इस दौरान सरकार की तरफ से एक विधेयक पारित कर उसके बाद बहस की मांग की गई, लेकिन विपक्षी दलों ने इस पर सहमति नहीं दिखाई।

कुरियन ने बार-बार सदन की कार्रवाही में बाधा देखते हुए उसे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।

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नेशनल

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

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बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।

हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज

इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।

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