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नोट बदलवाने के लिए उमड़ा हुजूम, बैंकों पर भारी भीड़ से अव्यवस्था

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Long-queues-to-exchange-notesनई दिल्ली। पूरे देश में बैंकों और डाकघरों पर गुरुवार को लोगों का मेला जैसा लग गया। मोदी सरकार द्वारा मंगलवार रात 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा करने के बाद गुरुवार को दोबारा खुले बैंकों में इन नोटों को बदलवाने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रधानमंत्री की घोषणा के 36 घंटे के इंतजार के बाद लाखों बेचैन लोग गुरुवार सुबह नोटों को बदलने के लिए बैंकों और डाकघरों के खुलने के पहले ही इनके सामने कतार में लग गए। उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम, हर जगह से यही खबर मिली है।

घंटों की मशक्कत, धक्कामुक्की के बाद भी कई लोग निराश लौटे क्योंकि कई बैंकों में कुछ ही घंटों में नकदी खत्म हो गई। कई जगहों पर लोग बैंक बंद होने के बाद भी इनके बाहर खड़े रहे। दरअसल बैंक कर्मी अंदर अपना काम कर रहे थे और बाहर खड़े लोगों को लग रहा था कि हो सकता है कि बैंक फिर से खुल जाए। नोएडा के सेक्टर 18 में कारपोरेशन बैंक शाम 6 बजे बंद हो गया। उस वक्त भी वहां बड़ी संख्या में लोग थे और इनमें से अधिकांश नाराज थे।

यहां मौजूद एक गार्ड ने बताया बैंक में जितना पैसा था, वह सभी अपरान्ह 3.30 बजे तक बंट गया। लोगों से कहा गया कि वे अब जाएं लेकिन लोग फिर भी डटे रहे। गार्ड ने कहा, लोग अभी भी नहीं जाना चाह रहे हैं। इनमें से कुछ ने मेरे साथ मारपीट की है। पास के कोटक महिंद्रा और केनरा बैंक पर भी यही दृश्य था। एक टेक कंपनी के एचआर में काम करने वाले राम कृष्णन ने चिल्लाकर कहा, मेरे पास बीते कल से एक पैसा भी नहीं है। क्या कोई उन्हें समझा सकता है कि बीते दो दिनों से मैं किस मुसीबत से गुजर रहा हूं।

लेकिन, कई बैंकों में देर शाम तक काम होता रहा। दिल्ली के मॉडल टाउन के एचडीएफसी बैंक के अधिकारी ने कहा कि बैंक ने परेशान ग्राहकों को देर शाम तक लाखों रुपये दिए लेकिन फिर भी सभी को नहीं दिया जा सका। अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताया। दिल्ली नोएडा और गुडग़ांव में लोग सुबह 6 बजे से ही बैंकों के सामने कतार में लग गए। कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम भी करने पड़े।

अधिकांश बैंकों ने फॉर्म भरने और अन्य निर्देशों से संबंधित बातों के संबंध में लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए एक या दो कर्मचारियों को गेट के बाहर तैनात कर रखा था। हालांकि, अधिकांश ग्राहक पैसे निकालने, बदलने व जमा करने संबंधी नियमों से परिचित दिखे। कई जगहों पर लोग उस वक्त हताश हो गए जब बैंक ने बताया कि पैसा इतना नहीं है कि उनकी मांग को पूरा किया जा सके।

सरकार ने कह रखा है कि 4 हजार रुपये तक के नोट बदले जा सकते हैं, लेकिन बहुत अधिक मांग और नोट की कमी की वजह से कई बैंकों ने इस राशि का आधा ही लोगों को दिया ताकि सभी को पैसा मिल सके। दिल्ली के लाजपतनगर में अनिल वाधवानी को आईसीआईसीआई बैंक में पांच घंटे तक लाइन में लगने के बाद इस तकलीफदेह अहसास से गुजरना पड़ा। उन्होंने कहा, मैं 1000 की चार नोट लेकर आया था लेकिन इनमें से सिर्फ दो को ही बदला गया।

अफरातफरी की खबरें हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, चंडीगढ़ समेत कई जगहों से मिली हैं। मुंबई, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद, नासिक, कोल्हापुर में हजारों लोग बैंकों और डाकघरों के खुलने के पहले ही अपने पहचान पत्र और अन्य कागजात के साथ लाइन में लग गए। कई लोगों ने पहले से ही विशेष निकासी पर्ची भर ली थी और पहचान के कागजात से जोड़ रखा था जबकि अन्य फोटो कॉपी कराने के लिए व्याकुल होकर भागते दिखे। फोटो कापी कराने की दुकान पर उन्हें और लंबी लाइन का सामना करना पड़ा।

निजी और सरकारी क्षेत्र के अधिकांश बैंकों में ग्राहक ठसाठस भरे दिखे। कुछ स्थानों पर एयर कंडीशनर लोड नहीं सह सके। इस वजह से उन्हें या तो बंद कर दिया गया है या वे खराब हो गए हैं। कई बैंकों ने एक समय में पांच-पांच या दस-दस के समूह में लोगों को ही अंदर आने दिया। ऐसी ही भीड़ एटीएम पर भी देखी जा रही है।

सेल्फी का भी क्रेज दिखा
वे लोग जो किसी तरह 500 और 2000 रुपये के नए नोट निकालने में सफल रहे, उनका हाल ऐसा था जैसे कि उन्होंने कोई जंग जीती हो। वे नए नोटों के साथ गर्व से सेल्फी लेते दिखे जिन्हें विभिन्न सोशल मीडिया पर डाला गया। असली समस्या बाहर आ रही है क्योंकि बाजार में 100 रुपये और 50 रुपये के नोटों के बेहद कम होने से उन्हें 500 व 2000 के नए नोट भुनाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

सभी बैंकों को चार दिनों गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार तक नोट बदलने आने वाले ग्राहकों का विशेष ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है। यदि जरूरत पड़ी तो अगले रविवार 20 नवंबर को भी बैंक खुले रहेंगे। चंडीगढ़ में स्टेट बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने को बताया, आज (गुरुवार) से सभी एसबीआई शाखा में दो घंटे तक अतिरिक्त काम होगा और यह सप्ताहांत में भी खुले रहेंगे, ताकि लोगों को 500 और 1000 रुपये के नोट बदलने में आसानी हो।

आईसीआईसीआई बैंक ने 10 और 11 नवंबर को दो दिन तक देशभर में अपनी शाखाओं में दो घंटे अधिक काम करने की घोषणा की है। बिहार में राजधानी पटना और अन्य शहरों में भी बैंकों और डाकघरों में लोगों की भीड़ उमड़ी। पटना में बैंकों में कतार में खड़ी महिलाओं ने कहा कि उनके लिए अलग से विशेष व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही है।

मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल व अन्य शहरों में भी ऐसा ही दृश्य रहा। भोपाल के एमपी नगर स्थित बैंक स्ट्रीट का गुरुवार को नजारा ही अलग दिखा। यहां कई बैंकों के कार्यालय हैं, जिसके चलते बड़ी संख्या में ग्राहक यहां पहुंचे।

लखनऊ में सीएम ने जारी किए निर्देश
लखनऊ से खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद होने के कारण विदेशी पर्यटकों को पेश आ रही कठिनाइयों को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव राहुल भटनागर को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि आगरा एवं वाराणसी में विदेशी पर्यटकों के लिए बैंकों में अलग से काउंटर स्थापित कराए जाएं, ताकि विदेशी पर्यटक अपने पुराने नोटों को आसानी से बदल सकें।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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