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न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्धि से महंगी हुई चीनी

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नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)| मिलों के लिए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य तय किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को देशभर में चीनी के हाजिर भाव में जोरदार तेजी दर्ज की गई। नकदी के संकट से जूझ रही चीनी मिलों को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए केंद्र सरकार ने चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में दो रुपये की वृद्धि कर दी है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने गुरुवार को जारी अपने एक आदेश में कहा कि कोई भी चीनी उत्पादक अगला आदेश जारी होने तक 31 रुपये प्रति किलोग्राम से कम कीमत पर सफेद चीनी या परिष्कृत चीनी नहीं बेचेगा।

मुंबई के वाशी मार्केट में चीनी के दाम में 160-200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हो गया। वाशी में चीनी का थोक भाव 3,220-3420 रुपये प्रति क्विं टल दर्ज किया गया। कोलकाता में चीनी का भाव 3,520-3,600 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।

उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स-मिल रेट में करीब 100-125 रुपये की बढ़त दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों का एक्स-मिल रेट 3,190-3,355 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।

चीनी उद्योग संगठनों की ओर से काफी समय से चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने की मांग की जा रही थी।

सरकार ने पिछले साल चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 29 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया था। चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य एक्स मिल रेट होता है जिस पर मिलें चीनी बेचती हैं या कारखाने से जिस कीमत पर चीनी बाहर निकलती है।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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