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पंजाब आतंकवादी हमले में 6 मरे, भारत ने कहा- मुंहतोड़ जवाब देंगे

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पंजाब में एक और कायराना आतंकी हमला, राजनैतिक विरोध, भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद

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दीनानगर (पंजाब)। पंजाब में गुरदासपुर जिले के दीनानगर में सोमवार को हुए आतंकवादी हमले में पुलिस अधीक्षक और होमगार्ड के तीन जवान शहीद हो गए, जबकि दो अन्य नागरिकों की भी जान चली गई। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी भी मारा गया। भारत सरकार ने कहा है कि वह ऐसे हमलों का मुंहतोड़ जवाब देगी। साथ ही सरकार ने सभी टेलीविजन चैनलों से भी कहा है कि वे हमलावरों के खिलाफ जारी अभियान का सीधा प्रसारण न करें।

पंजाब में लगभग दो दशक बाद यह कोई बड़ा आतंकवादी हमला है। आतंकवादी सेना की वर्दी में थे। आतंकवादी सड़क किनारे एक ढाबा मालिक की हत्या कर उसकी कार में दीनापुर के बस स्टैंड पहुंचे और वहां जम्मू जाने वाली बस पर गोलीबारी करने के बाद थाने का रुख किया। आतंकवादी सुबह करीब 5.30 बजे थाने के भीतर घुस गए, जहां से वे निरंतर गोलीबारी कर रहे हैं। सुरक्षा बल बाहर से उनका मुकाबला कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि दोनों ओर से जारी गोलीबारी में पुलिस अधीक्षक बलजीत सिंह शहीद हो गए। उन्हें मुठभेड़ के दौरान सिर में गोली लगी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे और अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। अब तक सिर्फ एक आतंकवादी मारा गया है। एक पुलिस उपनिरीक्षक ने कहा कि आतंकवादी ताबड़तोड़ गोलीबारी कर रहे हैं। मुझे कंधे में गोली लगी है। वे हर पांच मिनट के अंतराल पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आतंकवादी पाकिस्तान सीमा की ओर से आए हैं। पंजाब में गुरदासपुर जिले का दीनानगर शहर जम्मू एवं कश्मीर की सीमा से सटा है और यह भारत-पाकिस्तान सीमा से भी कुछ ही दूरी पर है।

हमले के कुछ ही देर बाद नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। वहीं, पंजाब के अधिकारियों ने कहा है कि किसी को भी बंधक नहीं बनाया गया है। मोदी ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। हालांकि इसके बारे में अभी तक कोई विशेष जानकारी नहीं है। लेकिन इससे पहले पर्रिकर ने कहा था कि आतंकवाद निरोधक बल दीनानगर पहुंच गया है।
आतंकवादियों के पाकिस्तान से होने की अटकलों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यदि हम पर हमला होता है तो हम माकूल जवाब देंगे। हम पाकिस्तान के साथ शांति चाहते हैं, लेकिन राष्ट्र के सम्मान की कीमत पर नहीं।” उन्होंने हमले के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक डी. के. पाठक से बात की और उन्हें भारत-पाकिस्तान सीमा पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने समाचार पत्र ‘द हिंदू’ से कहा कि ऐसा लगता है कि इस हमले की योजना पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) द्वारा बनाई गई। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु ने दिल्ली में बताया, “अभी तक आतंकवादियों द्वारा किसी को बंधक बनाए जाने की सूचना नहीं है। हमारा अभियान जारी है। जैसे ही मुझे कोई और जानकारी मिलती है, मैं आपसे साझा करूंगा।”

पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों ने पुलिस थाने के नजदीक एक अस्पताल में गोलीबारी की, जिसमें दो नागरिकों की मौत हो गई। दीनानगर पुलिस थाने में मोर्चे पर डटे पुलिसकर्मियों ने बताया कि आतंकवादी उन्नत और स्वचालित हथियारों से लैस हैं। पुलिस थाने के अंदर छिपे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ जारी है और घटनास्थल से हथगोलों एवं गोलियां चलने की आवाजें लगातार सुनी जा रही हैं।

गुरदासपुर के पुलिस उपायुक्त अभिनव त्रिखा ने कहा, “मुठभेड़ जारी है। हम मुठभेड़ खत्म होने के बाद ही इस बारे में ज्यादा जानकारी दे पाएंगे।” पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से 235 किलोमीटर दूर स्थित दीनानगर जम्मू एवं कश्मीर से दूरी 25 किलोमीटर और भारत-पाकिस्तान सीमा से दूरी मात्र 15 किलोमीटर है। उधर, अमृतसर-पठानकोट रेल खंड पर सोमवार को पांच जिंदा बम मिले, जिन्हें सुरक्षा बलों ने सावधानीपूर्वक निष्क्रिय कर दिया। बम दीनानगर से पांच किलोमीटर दूर परमानंद रेलवे स्टेशन के नजदीक एक छोटे पुल की रेल पटरियों पर मिले। इन्हें बड़ी चालाकी के साथ रेल पटरियों से जोड़ा गया था।

रेल पटरियों पर बम होने की सूचना मिलने के बाद इससे गुजरने वाली रेलगाड़ी को उस स्थान से 200 मीटर दूर ही रोक दिया गया। यह हमला पटियाला में रविवार को पंजाब विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की मौजूदगी खालिस्तान समर्थक नारेबाजी के एक दिन बाद हुआ है। यह 31 अगस्त, 1995 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के बाद राज्य में पहला बड़ा आतंकवादी हमला है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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