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पंजाब के आईजी 2015 के गोलीकांड मामले में गिरफ्तार
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चंडीगढ़, 18 फरवरी (आईएएनएस)| पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को यहां पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) परमराज सिंह उमरानंगल को अक्टूबर 2015 में फरीदकोट जिले में बहबल कलां गोलीकांड के सिलसिले में गिरफ्तार किया। बीते महीनों के दौरान एसआईटी ने उमरानंगल को पूछताछ के लिए बुलाया था। उनसे शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान गुरुग्रंथ साहिब का अनादर करने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सिख प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने वाले व्यक्ति और उस समय के हालात के बारे में पूछताछ की गई।
गोलीकांड में दो लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे।
एसआईटी ने पिछले महीने मोगा के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) चरनजीत शर्मा को इस मामले में होशियारपुर में गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजीत सिंह की अध्यक्षता वाले जांच आयोग की सिफारिश के बाद मामले में शर्मा और तीन अन्य मुख्य आरोपियों पर हत्या और हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया गया।
शर्मा को निलंबित कर दिया गया था और बाद में उनको अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया, जबकि एसएसपी विक्रमजीत सिंह, इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह और सब इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह कुलर को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली थी।
एसआईटी के अधिकारियों ने बताया कि इन अधिकारियों से पूछताछ में खुलासा होगा कि असल में किसने गोली चलाने का आदेश दिया।
अक्टूबर 2015 में कट्टर सिखों व अन्य लोगों द्वारा कई दिनों तक राजमार्ग व सड़कें जाम करने से पंजाब थम गया था।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से भी एसआईटी ने 16 नवंबर 2018 को पूछताछ की थी।
मुख्य समाचार
महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
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महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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