बिजनेस
पंजीकृत व्यावसायों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में सक्षम बनाएगा टैली
नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| देश की प्रमुख बिजनेस सॉफ्टवेयर प्रदाता-टैली सॉल्यूशंस व्यावसायों एवं जीएसटीपी को पहला रिटर्न आसानी से भरने में मदद के लिए चैतरफा योजना के साथ काम कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए कम्पनी ने जीएसटीआर1 रिटर्न आसानी से भरने में सपोर्ट के लिए टैली.ईआरपी9 रिलीज 6.1 लॉन्च किया है। इसके अलावा रिटर्न भरने पर जीएसटीपीएस और व्यावसायों को शिक्षित करने के लिए देश भर में 7000 से अधिक कैम्प्स चलाने की योजना है।
अपनी पहल को सार्थक बनाने के लिए कम्पनी ने जीएसटी के तकनीकी पहलुओं पर सीएज को समर्थ बनाने के लिए आइसीएआइ के साथ तकनीकी साझेदारी की है।
टैली का नया सॉफ्टवेयर जीएसटीआर1, जीएसटीआर 3बी जैसे विभिन्न रिटर्न्स को सपोर्ट करता है। व्यावसायों को अगले एक महीने में इन्हें दाखिल करना होगा। रिटर्न्स ऑनलाइन एवं इनवॉइस आधारित हैं और इसमें प्रत्येक इनवॉइस के लिए डेटा के विभिन्न क्षेत्रों को दर्ज किया जायेगा, इसे देखते हुये इनवॉइस का सटीक होना महत्वपूर्ण है।
इस लॉन्च पर टिप्पणी करते हुये टैली सॉल्यूशंस के प्रबंध निदेशक भरत गोयनका ने कहा, यह कई मायनों में एक ऐतिहासिक पल है जब पूरा देश तकनीक प्रवर्तित कराधान तंत्र का अनुपालन करने जा रहा है। एक कंपनी के रूप में हमारी भूमिका सिर्फ समाधान प्रदान करना भर नहीं है जो विभिन्न मासिक टैक्स रिटर्न की फाइलिंग को आसान, तेज और सटीक बनाते हैं। बल्कि हमें अपने ग्राहकों एवं अन्य व्यावसायों को रिटर्न भरने की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित भी करना होगा। भविष्य में, हम अपने उत्पाद को विस्तारित करेंगे और जीएसटीएन की सिफारिशों के अनुरूप सॉल्यूशंस प्रदान करेंगे।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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