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प्रादेशिक

पति पर 2 साथियों संग दुष्कर्म का आरोप

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फतेहपुर । उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद में एक व्यक्ति दो दिन पहले अपने दो साथियों के साथ पत्नी से सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोप यह भी है कि वह पहले अपनी पत्नी से देह व्यापार कराता रहा और बाद में उसे धक्के मारकर घर से निकाल दिया और उसके तीन बच्चे भी छीन लिए। पीड़ित महिला ने राज्य महिला आयोग की सदस्य से मदद की गुहार लगाई है।महिला अत्याचारी पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस के दरवाजे खटखटा रही है, लेकिन जनपद की पटरी से उतरी हुई पुलिस व्यवस्था पीड़िता को न्याय दिलाने को तैयार नहीं है। हर क्षेत्र के पत्थरकटा चौराहा के समीप रहने वाली महिला ने राज्य महिला आयोग की सदस्य नफीसा बानो से भंेटकर मदद की गुहार लगाई।

 

महिला का कहना है कि 3 फरवरी को वह गेगासो से लौटकर शाम 6 बजे लखनऊ बाईपास में उतरी और टेम्पो का इंतजार करने लगी। इस बीच उसका पति अपने दो साथियों के साथ वहां पहुंचा। उसे लाल रंग के एक वाहन में जबरन बैठाकर एक सुनसान जगह ले गए, जहां तीनों ने दुष्कर्म कर वहीं छोड़ दिया। महिला ने बताया कि पिछले साल फरवरी में भी कमरे में घुसकर उसके साथ इसी तरह की घटना को अंजाम दिया गया। वह पुलिस से गुहार लगाती है, मगर उसे फटकार कर भगा दिया जाता है।

 

पीड़ित महिला ने बताया कि कोतवाली और पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाने के बाद 4 फरवरी को वह अपने अधिवक्ता के पास कचहरी गई थी, जहां आरोपियों ने उसे जमीन पर गिराकर लात-घूसों से मारा-पीटा और कपड़े फाड़ डाले। मारपीट से उसे अंदरूनी चोटें आई हैं। महिला ने बताया कि उसका और उसके पति के बीच तलाक का मुकदमा अदालत में विचाराधीन है। महिला घटना का मुकदमा दर्ज कराने के लिए गुहार लगा रही है, लेकिन कोई भी पुलिस का अधिकारी उसकी व्यथा नहीं सुन रहा और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है। पीड़िता पे तीन साल पहले की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि हरिहरगंज में किराए के कमरे में उसे निगरानी में रखा जाता रहा। उसका पति और साथी खुद तो दुष्कर्म करते ही रहे, यहां तक कि यही लोग अलग से ग्राहक लाकर देह व्यापार भी करवाते रहे।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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