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परेश रावल की इच्छा, अरुंधति को बांधा जाए सेना की जीप से

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नई दिल्ली। भाजपा सांसद परेश रावल ने सोमवार को यह टिप्पणी करके विवाद पैदा कर दिया कि किसी पत्थरबाज की बजाय जानी-मानी लेखिका अरुंधति रॉय को भारतीय थलसेना की जीप से बांधना चाहिए। लेखिका अरुंधति राय को बांधने का ट्वीट करने के बाद उन्हें ट्विटर पर जबर्दस्त आलोचना का सामना करना पड़ा।

रावल ने रविवार की रात को ट्वीट किया, “सेना की जीप पर एक पत्थरबाज को बांधने की बजाय अरुंधति रॉय को बांधो।” ट्विटर यूजर ने रावल के ट्वीट को ‘आक्रामक’ और ‘हिंसा को उकसावा’ देने वाला बताया।

भाजपा के सांसद व अभिनेता रावल पर हमला करते हुए कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, “पीडीपी-भाजपा गठबंधन करने वाले व्यक्ति को क्यों न बांधा जाए।”

एक अन्य व्यंग्यपूर्ण ट्वीट में राणा अय्यूब ने कहा, “और आप उन्हें बस हाशिये पर पड़ा (फ्रिंज) कह रहे हैं? रावल एक वरिष्ठ अभिनेता हैं, गुजरात से सांसद हैं और पद्मश्री हैं। भगवान उनके निर्वाचन क्षेत्र का भला करें।”

लेखक व कॉमेडियन सोराभ पंत ने लिखा, “मैं अरुं धती क्या कहती हैं या करती हैं, उनमें से कई बातों से असहमत हूं। लेकिन, हिंसा से और अधिक असहमत हूं। शरीर को क्षति पहुंचाने की धमकी देकर आप नैतिक बहस खो देते हैं।”

रावल अहमदाबाद पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। एक अन्य ट्विटर उपभोक्ता जिया उस सलाम ने कहा कि रावल की एक महिला के बारे में टिप्पणी शर्मनाक है।

आईपीएस अफसर संजीब भट्ट ने लिखा, “अगर अरुं धति को सेना की जीप के आगे बांधा जाता है तो मैं अरुं धति के आगे बांधा जाना पसंद करूंगा। कश्मीर पर कही गई उनकी अधिकांश बातों से मैं सहमत हूं।”

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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