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पहली एल्सिस फैमिली रन में 1500 धावकों ने हिस्सा लिया

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नई दिल्ली/गुरुग्राम, 27 जनवरी (आईएएनएस)| फिटनेस ही स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र है, इस संदेश को प्रचारित और प्रसारित करने के लिए रविवार को गुरुग्राम में 50 दिव्यांग और त्यागे गए बच्चों ने अपने उमंग और उत्साह का सहारा लिया। ये बच्चे पहली बार आयोजित हुई एल्सिस फैमिली रन मैराथन में दौड़े। इन बच्चों के अलावा इस मैराथन में 1500 धावकों ने हिस्सा लिया। इस मैराथन की परिकल्पना एल्सिस स्पोर्ट्स ने की थी, जो कि भारत का एक अग्रणी स्पोर्ट्सवियर ब्रांड है। एल्सिस फैमिली रन मैराथन में हिस्सा लेने वाले 1500 प्रतिभागियों को पुनर्नवीनीकृत प्लास्टिक से बने हुए किट दिए गए। इसका लक्ष्य पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरुकता फैलाना था।

रिईअन द्वारा प्रस्तुत और राजस्थान रॉयल्स द्वारा समर्थित इस इवेंट को राजस्थान रॉयल्स टीम के सदस्य युवा भारतीय क्रिकेटर मनन वोहरा और प्रशांत चोपड़ा ने फ्लैग ऑफ किया। इस मैराथन का मुख्य मकसद परिवारों को साथ दौड़ने और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करना था। इस मैराथन में दो की टीम के लिए 11 विभिन्न रनिंग टाइप्स रखे गए थे।

एल्सिस स्पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक रौशन वैद ने कहा कि वह इतनी बड़ी संख्या में धावकों को देखकर काफी खुश हैं। वैद ने कहा, “हम फिटनेस को किसी एक उम्र वर्ग या फिर समाज के किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं रखना चाहते। फिटनेस परिवार का लक्ष्य होना चाहिए और साथ ही साथ देश का भी। अगर हम फिट रहेंगे तभी हम पर्यावरण के लिए कठिन मेहनत कर सकेंगे। ”

इस मैराथन का मुख्य आकर्षण आई-पार्टनर इंडिया द्वारा इस रेस में शामिल किए गए निराश्रित बच्चे रहे। इन बच्चों ने अपने उत्साह से दूसरे धावकों को भी प्रेरित किया। फ्लोसेरेंट ग्रीन टी-शर्ट में ये बच्चे सबसे पहले वेन्यू पर पहुंचे और इन सबके हाथ में पर्यावरण संरक्षण के संदेशों से भरे हुए प्लेकार्ड थे। यहां तक कि दिव्यांग बच्चों ने कड़ाके की सर्दी के बीच अपने परिजनों के साथ यहां आकर तमाम प्रतिस्पर्धियों का हौसला बढ़ाया।

आई-पार्टनर इंडिया की कंट्री डायरेक्टर सुमेधा शर्मा ने कहा, “बच्चे हमारे भविष्य हैं और इस तरह के इवेंट के लिए इनसे बेहतर विकल्प और कौन हो सकता है। हम इस रेस का हिस्सा बनकर खुश हैं और साथ ही इस बात को लेकर भी खुश हैं कि हम पर्यावरण और फिटनेस जैसे दो बेहद अहम चीजों को लेकर जागरुकता फैलाने की मुहिम में शामिल हुए। हम अपने दैनिक जीवन में इन दोनों चीजों को नजरअंदाज करते हैं।”

इस मौके पर क्रिकेट खिलाड़ी प्रशांत चोपड़ा ने कहा, “एक खिलाड़ी होने के नाते हम जानते हैं कि फिटनेस को प्राथमिकता देना कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे में जब आपको इस प्रकार की पहल के समर्थन का मौका मिलता है, तो आप इसे न नहीं कर सकते। एल्सिस फैमिलि रन एक बेहद की खूबसूरत पहल है और मैं इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश हूं।”

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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