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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान को 22.50 करोड़ डॉलर की मदद रोकेगा अमेरिका

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वाशिंगटन, 30 दिसंबर (आईएएनएस)| ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान सरकार को दी जानी वाली 22.50 करोड़ डॉलर की सरकारी सहायता रोक सकता है। प्रशासन ने यह फैसला पाकिस्तान द्वारा देश की अपनी सीमाओं में आतंकी समूहों पर नियंत्रण करने को लेकर चल रही दिक्कतों के मद्देनजर उठाया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने सहायता को रद्द करने के लिए इस माह बैठक की थी। अधिकारियों ने यह जानकारी द न्यूयॉर्क टाइम्स को दी। यह खबर शुक्रवार को प्रकाशित हुई थी। पाकिस्तान को सहायता पैकेज अगस्त में ही भेजा जाना था।

अधिकारी ने कहा कि अंतिम फैसला आने वाले सप्ताहों में आने की उम्मीद है। उन्होंने यह नहीं बताया कि किन शर्तो पर पाकिस्तान को सहायता प्राप्त हो सकती है।

अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान के साथ अपनी हताशा व्यक्त की और सरकार पर आतंकी नेटवर्को को जड़ से उखाड़ फेंकने में कोताही बरतने का आरोप लगाया।

पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए ट्रंप ने अगस्त माह में नई अमेरिकी नीति की घोषणा की थी, जिसमें पाकिस्तान में सक्रिय एक संबद्ध समूह, अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को हराने का जिक्र किया गया था।

ट्रंप ने उस वक्त कहा था कि ‘पाकिस्तान ने आतंक, हिंसा और अव्यवस्था के एजेंटों को अपने यहां शरण दे रखी है’ और कसम खाई कि प्रशासन इस देश के खिलाफ और अधिक कठोरता दिखाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस महीने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की घोषणा करते हुए पाकिस्तान की जमकर आलोचना की थी और कहा था कि हम पाकिस्तान को हर साल भारी भरकम रकम का अनुदान देते हैं। उसे हमारी मदद करनी होगी।

उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने क्रिसमस से ठीक पहले अफगानिस्तान के दौरे पर अमेरिकी सैनिकों का उत्साह बढ़ाते हुए यह संदेश दिया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को नोटिस भेज दिया है।

आतंकवाद पर विदेश विभाग की एक वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अफगान तालिबान या (हक्कानी नेटवर्क) के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों की धमकी देने वाले संगठनों के खिलाफ अपनी क्षमता को काफी हद तक सीमित कर लिया।

विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा कि आखिरकार पाकिस्तान को भविष्य में सुरक्षा सहायता उसके रवैए पर निर्भर करेगा।

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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया ने टेस्ट किया विस्फोटक ड्रोन, टारगेट पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम

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नई दिल्ली । उत्तर कोरिया के मंसूबे बेहद ही खतरनाक हैं. उसने टारगेट पर सटीक निशाना लगाने के लिए डिजाइन किए गए विस्फोटक ड्रोन का टेस्ट किया है. तानाशाह किम जोंग उन ने इन हथियारों के बड़े पैमाने पर निर्माण में तेजी लाने को कहा है. टेस्ट ऐसे समय में किया है जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान निकटवर्ती अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभ्यास में लगे हुए हैं. इसमें एडवांस लड़ाकू जेट विमान और एक अमेरिकी विमानवाहक पोत का यूज किया जा रहा है.

ड्रोन ने लक्ष्यों पर किया सटीक प्रहार

केसीएनए ने बताया कि ड्रोन ने विभिन्न मार्गों से उड़ान भरी और लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किया। इसके चित्रों में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को निशाना बनाया गया। किम ने हथियार विकसित करने की प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और ‘‘जल्द से जल्द एक श्रृंखला उत्पादन प्रणाली बनाने और बड़े पैमाने पर उत्पादन करने’’ की आवश्यकता पर बल दिया। किम ने बताया कि कैसे ड्रोन आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। केसीएनए ने किम के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि कई सैन्य गतिविधियों के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है।

टैंकों के पुराने मॉडल को किया गया टारगेट

सामने आई तस्वीरों से ऐसा लग रहा है कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को टारगेट किया गया. किम हथियार विकसित करने की प्रक्रिया से खुश नजर आए. केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि मिलिट्री एक्टिविटी के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है.

 

 

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